बाराबंकी-यूपी।
यूपी के बाराबंकी में जालसाज़ी का एक अनोख पैटर्न सामने आया है। यहां बिजली विभाग की विजिलेंस टीम का अधिकारी बनकर एक जालसाज़ लोगो को ठगी का शिकार बना रहा है। शातिर ठग पहले सोशल मीडिया ग्रुप्स (व्हाट्सएप) पर विभाग से सम्बंधित सूचनाएं पोस्ट कर लोगो का भरोसा जीतता है। फिर बिल जमा कराने और मीटर रीडिंग सही कराने के नाम पर उनकी मेहनत की कमाई हड़पकर उन्हें ब्लॉक कर देता है।
शातिर जालसाज़ का शिकार बन चुके बदोसराय थाना क्षेत्र के खोर एत्मादपुर गांव के रहने वाले शिव यादव पुत्र सुंदरलाल ने बताया कि कुछ दिन पहले एक व्हाट्सएप ग्रुप में विद्युत विभाग के कैम्प से सम्बंधित पोस्ट पर उसकी नज़र पड़ी। मोबाइल नम्बर 9452273530 से किए गए पोस्ट में लिखा गया था कि जिन उपभोक्ताओं के बिजली के बिल गलत है, मीटर रीडिंग गलत है या मोबाइल नम्बर फीड नही है वो कैम्प में आकर अपनी समस्या का समाधान करा सकते है। या मोबाइल नम्बर 9452273530 पर संपर्क कर सकते है। जिस नम्बर से पोस्ट डाला गया था, उसकी डीपी में विद्युत विभाग का लोगो लगा होने के साथ ही विजिलेंस डिपार्टमेंट भी लिखा था।
पीड़ित ने बताया कि उसके मकान में लगे बिजली कनेक्शन का बिल उसके मोबाइल पर नही आता था। उसने पोस्ट डालने वाले व्यक्ति से संपर्क कर अपनी समस्या बताई तो उसने मीटर की फ़ोटो मांगी। फ़ोटो भेजने के कुछ समय बाद जालसाज़ का मैसेज आया कि आपका मोबाइल नम्बर फीड नही है। मोबाइल नम्बर फीड करने के लिए उसने 400 रुपए की मांग की। साथ मे ये भी बताया कि अगर अधिशासी अभियंता के ऑफिस जाकर फीड कराओगे तो पैसा नही पड़ेगा। पीड़ित ने जब जालसाज़ से पूछा कि वो विद्युत विभाग में क्या है तो उसने खुद को विजिलेंस डिपार्टमेंट फोर्स से बताया। ऑफिस का पता पूछने पर जालसाज़ ने बताया कि लखनऊ ऑफिस है और बाराबंकी, अयोध्या, सुलतानपुर, अमेठी, अम्बेडकरनगर और गोण्डा जिलों में चेकिंग करने की बात कही।
बिजली विभाग के डाटाबेस तक है जालसाज़ की पहुंच
पीड़ित ने बताया कि इसके एक हफ्ते बाद जालसाज़ ने मैसेज कर पूछा कि नम्बर फीड करा लिया या नही? जिस पर उसने जवाब दिया कि भईया को बोल दिया था फीड हो गया होगा। इसपर जालसाज़ ने वो नम्बर पूछा जिसपर ओटीपी आया था, तो पीड़ित ने उसे नम्बर बता दिया। इसके बाद जालसाज़ ने उसे एक स्क्रीनशॉट भेजा जिसमे उसका बकाया बिल 1113 रुपए दिख रहा था। साथ ही कहा कि 740 रुपए जमा होगा। अपने कनेक्शन की डिटेल देख पीड़ित को जालसाज़ के बिजली विभाग से होने का भरोसा हो गया। पीड़ित द्वारा रसीद के बारे में पूछने पर जालसाज़ ने उसके नम्बर पर रसीद भेजेंने की बात कही।
MVVNL के नाम से ही बना रखी है यूपीआई आईडी
इसके साथ ही जालसाज़ ने एक क्यूआर कोड भी पीड़ित को भेज दिया। जिसे स्कैन करने पर बैंकिंग नेम रवि वर्मा और यूपीआई आईडी mvvnlup@axi दिखा रहा था। जिसके बाद पीडित ने 740 रुपए उक्त यूपीआई आईडी पर ट्रांसफर कर दिए। कुछ देर बाद जब पीड़ित ने जलसाज़ को मैसेज कर बिल के बारे में पूछा तो उसने जमा हो जाने की बात कही। रसीद मांगने पर उसने व्यस्त होने की बात कहते हुए कुछ देर बाद भेजने की बात कही। पीड़ित ने बताया कि इसके बाद जब भी वो रसीद मांगता तो जालसाज़ कभी बाहर होने तो कभी बीमार होने के चलते ऑफिस न जाने आदि तरह तरह के बहाने करता रहा और फिर उसका नम्बर ही ब्लॉक कर दिया। पीड़ित ने बताया कि दूसरे नम्बरो से कॉल करने पर वो उन्हें भी ब्लॉक कर देता है।
पुलिस से शिकायत करने पर मिली दुत्कार
पीड़ित ने बताया कि विजिलेंस फोर्स का अधिकारी बनकर लोगो को ठग रहे इस जलसाज़ की शिकायत करने वो 17 अप्रैल को बदोसराय कोतवाली गया था। वहां मौजूद दरोगा विश्वनाथ सिंह को जब उसने तहरीर दी तो उन्होंने जलसाज़ के नम्बर पर फोन लगाकर उससे बात की, इसके बाद उल्टा पीड़ित को ही बुरा भला कहते हुए बिजली विभाग के अधिकारियों से यह लिखा कर लाने को कहा कि जालसाज़ उनके विभाग का कर्मचारी नही है। पीडित ने बताया कि जिंदगी में पहली बार वो थाने गया था। पुलिस का यह दुर्व्यवहार देख उसने ठगी गयी रकम को भूल जाने में ही अपनी भलाई समझी और चुपचाप थाने से बाहर निकल आया।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद

Author: Barabanki Express
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