
बाराबंकी-यूपी।
यूपी में बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर चल रहे विरोध के बीच बाराबंकी में करीब 380 संविदा कर्मियों की छंटनी कर दी गयी है। 1 मई 2025 को बिना नोटिस नौकरी से निकाले जाने के विरोध में बाराबंकी, हैदरगढ़, रामसनेहीघाट, रामनगर और फतेहपुर डिवीजन के संविदाकर्मियों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
प्रदर्शन कर रहे संविदाकर्मियों का कहना है कि माध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, लखनऊ द्वारा जारी एलओआई में मानक विहीन तरीके से संविदा कर्मियों की संख्या कम की गई है। इससे सब स्टेशन संचालन, लाइन मेंटेनेंस और विद्युत आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है। पावर कारपोरेशन के आदेश संख्या 295 (15 मई 2014) के अनुसार, उपकेंद्रों के संचालन के लिए 4 एसएसओ और 4 हेल्पर का प्रावधान है। लाइन मेंटेनेंस के लिए प्रति गैंग में एक टीजी-II लाइन, एक कुशल श्रमिक और दो अकुशल श्रमिक होने चाहिए।
विभाग का कहना है कि 56 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मियों को हटाया गया है। जबकि, संविदा कर्मियों के अनुसार जिले में 56 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले संविदा कर्मियों की संख्या 50 से भी कम है। इस कार्रवाई के विरोध में उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के बैनर तले गन्ना कार्यालय के प्रांगण में 5 मई से अनिश्चितकालीन धरना जारी है। धरने में खंडीय अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप सिंह, कमलेश, विशाल वर्मा, जिलाध्यक्ष निशांत मिश्रा समेत सैकड़ों संविदा कर्मी शामिल हैं। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा, धरना जारी रहेगा।
रिपोर्ट – मोनू सिंह यादव
Author: Barabanki Express
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