Barabanki: खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश शर्मा की नाक के नीचे होटलों और रेस्टोरेंट में धड़ल्ले से हो रहा घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडरो का व्यावसायिक उपयोग, साठगांठ के चलते पूर्ति विभाग नही कर रहा कार्रवाई

 


बाराबंकी-यूपी।
सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के हित में बनाए गए नियमों को दरकिनार कर शहर में घरेलू गैस सिलेंडर का व्यवसायिक उपयोग सरेआम किया जा रहा है। बड़े होटल एवं रेस्त्रां के साथ ही छोटे और मंझोले दुकानदारो व चाय नाश्ता के ठेलो पर इस तरह का तमाशा देखा जा सकता है। ज़िला पूर्ति अधिकारी को इसकी जानकारी दिए जाने के बाद भी इस पर रोक लगाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है। खास बात ये कि ये सारा गोरखधंधा प्रदेश के खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चन्द्र शर्मा की नाक के नीचे उनके ही गृह जनपद में चल रहा है।

आपको बताते चले कि व्यापार के लिए व्यावसायिक गैस सिलेंडर का उपयोग करना अनिवार्य है। लेकिन इसके बावजूद शहर के मुख्य चौराहो से लेकर बायपास तक कई दुकानदार, ठेलेवाले, होटल व रेस्टोरेंट संचालक तक व्यावसायिक गैस सिलेंडरों की जगह घरेलू गैस सिलेंडरों का खुलेआम उपयोग कर रहे हैं। दिखावे के तौर पर इन्होंने अपने नाम पर व्यावसायिक सिलेंडरों का रजिस्ट्रेशन तो करा रखा है लेकिन कमर्शियल सिलेंडर मंहगा पड़ने की वजह से वो सब्सिडी वाले घरेलू सिलेंडरों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
वहीं कई दुकानदार कार्रवाई से बचने के लिए सामने तो व्यावसायिक सिलेंडर रखते हैं लेकिन अंदर वे भी घरेलू गैस सिलेंडरों का उपयोग कर रहे है। सूत्रों की माने तो इस गोरखधंधे के लिए पूर्ति विभाग को हर माह एक निश्चित सुविधा शुल्क भी पहुंचाया जा रहा है। इसी लिए घरेलू सिलेंडरों का व्यावसायिक उपयोग होने की शिकायतों के बाद भी पूर्ति विभाग कोई कार्रवाई नही कर रहा। इसकी पुष्टि इसी बात से की जा सकती है कि डिनर करने हाइवे पर स्थित शंगरीला रेस्टोरेंट गए बाराबंकी एक्सप्रेस संवाददाता ने रेस्टोरेंट में घरेलू सिलेंडर का इस्तेमाल होता देख इसकी फ़ोटो व वीडियो बनाकर जिला पूर्ति अधिकारी राकेश तिवारी से शिकायत की लेकिन कई दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक उनके स्तर से रेस्टोरेंट के ऊपर कोई कार्रवाई नही की गई है। जिससे घरेलू गैस सिलेंडर की कालाबाज़ारी को पूर्ति विभाग का संरक्षण होने के आरोपो को और बल मिल रहा है।

सरकारी ख़ज़ाने को हो रहा नुकसान

सरकार की ओर से घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर रसोई गैस उपलब्ध कराने के लिए घरेलू गैस सिलेंडर पर छूट दी जाती है, जबकि इसकी तुलना में व्यावसायिक एलपीजी गैस सिलेंडर महंगा पड़ता है। 14.2 किलोग्राम के घरेलू रसोई गैस सिलिंडर की कीमत जहां 890/- रुपए है वही 19 किलोग्राम के व्यवसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1884.50/- रुपये है। इसी अंतर के चलते दुकानदार व्यवसायिक सिलेंडर के स्थान पर धड़ल्ले से रसोई गैस सिलेंडर का उपयोग करते हैं। इससे उन्हें तो बचत होती है लेकिन सरकारी ख़ज़ाने को नुकसान पहुंचता है।

सवालों के घेरे में पूर्ति विभाग के जिम्मेदार

सबसे बड़ी बात यह है कि आखिर इतनी मात्रा में रसोई गैस सिलेंडर कैसे मिल जाते हैं। छोटी-बड़ी दुकानों समेत ठेलों तक पर घरेलू सिलेंडरों का प्रयोग हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक एजेंसी संचालक अधिक से अधिक सिलेंडरों की बिक्री के लिए दुकानदारों को रसोई गैस सिलेंडर बेचते हैं। जिससे सरकार को राजस्व की हानि हो रही है।  घरेलू एलपीजी सिलेंडर के कामर्शियल यूज़ पर रोकथाम की जिम्मेदारी पूर्ति विभाग की होती है। लेकिन सिक्को की खनक के आगे पूर्ति विभाग के जिम्मेदारो के कानों पर जूं तक नही रेंग रही है।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद
Barabanki Express
Author: Barabanki Express

Barabanki Express News 24×7 is the most credible hindi news portal of District Barabanki. pls follow to get updates what's happening around ur City and District

28281
आपकी राय

बाराबंकी 53 लोकसभा क्षेत्र से आप किस प्रत्याशी को अपने सांसद के तौर देखना पसंद करते हैं ?

और पढ़ें

error: Content is protected !!
17:43