
बाराबंकी-यूपी।
यूपी के बाराबंकी ज़िले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शातिर हिस्ट्रीशीटर अपनी पहचान छिपाकर न सिर्फ 23 सालों तक पुलिस की नज़रों में धूल झोकता रहा, बल्कि नाम बदलकर उसने सरकारी आवास भी हासिल कर लिया। अब 23 सालों की जद्दोजहद के बाद पुलिस लापता चल रहे हिस्ट्रीशीटर का सुराग लगाने में कामयाब हो सकी है।
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बाराबंकी ज़िले की बदोसराय कोतवाली क्षेत्र के ग्राम ढकवा माफी निवासी भागीरथ (71) पुत्र मुन्नीलाल स्थानीय थाने का हिस्ट्रीशीटर है। बताया जा रहा है कि वो करीब 23 वर्षों से लापता चल रहा था। पुलिस रिकॉर्ड में उसके जीवित या मृत होने के संबंध में भी कोई जानकारी दर्ज नही थी। सत्यापन में आ रही दिक्कत के चलते पुलिस लगातार उसका पता लगाने की जद्दोजहद में जुटी हुई थी, लेकिन भगीरथ का कोई सुराग नही लग रहा था।
मंगलवार को बदोसराय थाने के हेड कांस्टेबल मनोज कुमार यादव व आरक्षी विनय कुमार वर्मा को आखिरकार लापता हिस्ट्रीशीटर भगीरथ को खोज निकालने में सफलता मिल गयी। बताया जा रहा है कि वो गोण्डा जिले के थाना कटरा बाजार के चैनपुरवा मजरे उमरिया गांव में श्याम बिहारी लोनिया पुत्र रामेश्वर के नाम से अपने दो पुत्रो विष्णु व राम औतार के साथ जीवन यापन कर रहा था। जिसको वहां सरकारी कालोनी आवास भी मिला हुआ है। पुलिस ने लापता हिस्ट्रीशीटर के सत्यापन की कार्रवाई पूरी करने के बाद उसे हिदायत देकर छोड़ दिया है। हेड कांस्टेबल ने बताया है कि इस मामले में उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार अग्रिम विधिक कार्यवाही की जायेगी।

रिपोर्ट – आफ़ताब अहमद
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Author: Barabanki Express
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