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बाराबंकी : चलेगा बुलडोजर जमीदोज होंगे खलिहान की ज़मीन पर बने पक्के घर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद कब्जेदारों में मचा हड़कंप

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बाराबंकी।

ग्राम पंचायत की बेशकीमती खलिहान की जमीन पर बने आधा दर्जन घर गिराए जाएंगे। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने भूमि को कब्जा मुक्त कराने के सख्त आदेश जिला प्रशासन को देते हुए 15 दिन में कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा है ।

हाईकोर्ट के अधिवक्ता फारूक अयूब ने बताया कि मामला तहसील रासनेहीघाट क्षेत्र के बड़नपुर गाँव का है। जहां खलिहान की बेशकीमती जमीन पर आधा दर्जन दबंगो ने कब्जा करने के बाद पक्के घर बना लिया। श्री अय्यूब ने बताया कि गांव के अब्दुल हक पुत्र जहीरूल हक ने इस मामले की शिकायत 10 साल पूर्व तहसील प्रसाशन रामसनेहीघाट में किया था। काफी प्रयासों के बाद अंततः 27 मई 2013 को तहसील प्रशासन ने खलिहान की भूमि को खाली करने का फैसला तो दिया लेकिन एक दशक बीतने के बाद भी इसे अमल में नही लाया गया। जिससे खिन्न होकर वादी ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता फारूक अय्यूब से संपर्क किया तो श्री अय्यूब ने मामले को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की और मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा। मामले की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि तत्काल खलिहान की भूमि को कब्जा मुक्त किया जाए। आदेश के अनुपालन में बुधवार को राजस्व विभाग की एक टीम ने गांव पहुच कर पैमाइश किया और बताया कि दो दिवस में जमीन को खाली करा लिया जाएगा। आदेश के बाद गांव पहुची राजस्व टीम ने जैसे ही पैमाइश शुरू किया गांव में हड़कंप मच गया ।

अधिवक्ता ने मजबूती से रखा पक्ष

जाने माने अधिवक्ता फारूक अय्यूब ने जनहित की इस याचिका में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखते हुए 10 साल से चल रहे विवाद का अंत कराया । जानकारी के मुताबिक तहसील रामसनेहीघाट की पंचायत बड़नपुर में यह विवाद लंबे समय से चल रहा था इसको लेकर दो पक्षो में तनाव भी व्याप्त था। याची ने जनहित का मामला बनाकर कर सरकारी जमीन से कब्जा हटाने को ठान लिया। वादी मुकदमा ने बताया कि जनहित के इस मामले को लेकर वह उच्च न्यायालय में पीआईएल दाखिल करना चाहता था लेकिन खर्च को पैसो का इन्तिजाम नही था। अधिवक्ता फारूख अय्यूब से मिलकर जब उसने उन्हें मामले से अवगत कराया तो श्री अय्यूब ने जनहित में वादी की मदद करने का आश्वासन देते हुए कहा कि यह मामला बिना फीस लिए लड़ कर जिताया जाएगा। ग्रामीणों ने वकील फारूक अय्यूब का आभार व्यक्त किया है।

रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद

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