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Barabanki: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना? लाभार्थियों ने शिकायती पत्र देकर अफसरों पर लगाए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप! डीएम स्तर से शुरू हुई जांच से स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

 

बाराबंकी।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की गर्भवती महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2017 में शुरू की गई ’प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ (PMMVY) ज़िले में भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गई है। यूपी के बाराबंकी में लाभार्थियों ने योजना का लाभ न मिलने पर डीएम से शिकायत करते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है। डीएम सत्येंद्र कुमार द्वारा टीम गठित कर जांच के आदेश दिए जाने से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली मजदूर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पोषण आहार देने और गर्भावस्था के दौरान वो आराम कर सके इसके लिए केन्द्र सरकार की तरफ से वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) शुरू हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को ₹5000 की आर्थिक सहायता दी जाती है ये राशि डीबीटी के माध्यम से दो किस्तों में सीधा गर्भवती महिला के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है।

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जनपद बाराबंकी में वित्तीय वर्ष 2022 और 2023 में भ्रष्टाचार की दलदल में गोते लगाती यह योजना नए वित्तीय वर्ष 2024 में दो विभागों के बीच अटकी हुई है। बीते चार महीनों में इस योजना के तहत जनपद में एक भी फॉर्म नहीं भरा गया है। प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना के ठप पड़े होने से लाभार्थी तहसीलों से लेकर अस्पतालों के बीच चक्कर काट रहे हैं। सीएमओ ने इसके लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को ज़िम्मेदार बता रहे है। जबकि डीपीओ स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक किसी प्रकार की यूजर आईडी और पासवर्ड हैंडोवर नही किए जाने की बात कह रहे है।
भ्रष्टाचार के आरोपो से मचा हड़कंप
रामनगर तहसील में डीएम की अध्यक्षता में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में लाभार्थियों ने स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार डॉ0 राजीव दिक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार के शिकायती पत्र देकर हड़कंप मचा दिया। शिकायतकर्ता सौरभ सिंह ने बताया कि मेरी पत्नी प्रियंका सिंह को अस्पताल में 2 अप्रैल 2023 को बेटा हुआ था। गर्भावस्था के दौरान प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसके लिए रामनगर सीएचसी में तैनात समीर अहमद ने रजिस्ट्रेशन के लिए रिश्वत के रूप में 1500 रुपए लिए थे। लेकिन एक भी किश्त नही मिल सकी। दोबारा शिकायत करने पर समीर ने 500 रुपए की और मांग रखी। जिसका विरोध करने पर धमका कर कहा गया कि मेरे अधिकारी डा0 राजीव दीक्षित हैं जिसको हिस्सा देता हूं। वो सब देख लेंगे सरकार भाजपा की है सीएचसी रामनगर की सरकार हम हैं।
फ़ोटो : शिकायतकर्ता सौरभ सिंह का प्रार्थनापत्र
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रामनगर के टिहुर्की निवासी रवि शंकर मौर्य की पत्नी मंजू देवी 01 जनवरी 2023 को पहली बार मां बनी थी। मंजू ने सैदनपुर पीएचसी में बेटी को जन्म दिया। पति रविशंकर का आरोप है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ पाने के लिए उसने सीएचसी रामनगर में संपर्क किया था। वहां के अकाउंटेंट समीर अहमद ने 500 की रिश्वत ली। इसके बाद भी योजना का लाभ नहीं मिला। रामनगर तहसील के ही अरुण सिंह की पत्नी संध्या ने 18 अगस्त 2022 को पुत्री को जन्म दिया था। इन्होंने योजना में लाभ के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। आरोप है की रामनगर सीएचसी में तैनात समीर ने बतौर घूस के रूप में 1000 रुपए वसूल लिए। लेकिन योजना का लाभ नही मिल सका। वहीं रामनगर निवासी पहली बार मां बनी प्रतिभा शर्मा की ओर से भी तहसील समाधान दिवस में व स्थानीय भाजपा नेता गोलू सिंह द्वारा डिप्टी सीएम से भ्रष्टाचार की शिकायत की गई है। डीएम सत्येंद्र कुमार झा ने शिकायतों का संज्ञान लेकर मामले की जांच शुरू करा दी है।
फ़ोटो : शिकायतकर्ता रविशंकर का प्रार्थनापत्र
फ़ोटो : शिकायतकर्ता अरुण सिंह का प्रार्थनापत्र
फ़ोटो : डिप्टी सीएम को भेजा गया भाजपा नेता का पत्र
रजिस्ट्रेशन के बाद भी नही मिल रहा योजना का लाभ
रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र की किरन पत्नी सतीश, जरौली गांव की जगरूपा, सदर तहसील में जहांगीराबाद की रजनी, मोहम्मदपुर खाला के सुरजनपुर की ज्योति ने बताया कि जानकारी पर योजना के तहत पंजीकरण तो कराया गया, टीकाकरण भी हो गया लेकिन अभी तक एक भी पैसा नहीं मिल सका है। लाभार्थियों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार स्थानीय स्तर से लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन कोई सही से जवाब देने को तैयार नहीं है। सीएमओ डॉ. अवधेश कुमार यादव का कहना है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के संबंध में लाभार्थियों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
दो विभागों के बीच अटकी पीएम की महत्वाकांक्षी योजना
एडिशनल सीएमओ डी.के श्रीवास्तव ने मंगलवार को दावा करते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग से हटा कर अब इस योजना की जिम्मेदारी बाल विकास एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) विभाग को सौंप दी गयी है। उन्होंने कहा कि पीएमएमवीवाई का लाभ लेने के अभी तक आशा वर्कर्स आवेदन कराती थी। लेकिन अब योजना ट्रांसफर होने के बाद आंगनबाड़ी वर्कर्स को ये जिम्मेदारी दी गयी है। वहीं बाल विकास पुष्टाहार के जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेंद्र दुबे ने बताया कि 07 जून 2024 को शासनादेश प्राप्त हुआ था। लेकिन इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से पोर्टल संबंधित यूजर आईडी और पासवर्ड अभी तक प्राप्त नही हुआ है। उन्होंने बताया कि सीएमओ को पत्र भेज कर योजना से संबंधित अग्रिम कार्यवाही कराई जाएगी।
रिपोर्ट – मन्सूफ़ अहमद

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Author: Barabanki Express

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