सिरौलीगौसपुर-बाराबंकी।
बाराबंकी पुलिस की कमान संभालने के पहले दिन से ही ज़िले के तेजतर्रार पुलिस कप्तान दिनेश कुमार सिंह जहां पुलिस की छवि सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। वही कुछ अड़ियल मिज़ाज़ पुलिसकर्मी अपने कारनामों से उनकी मेहनत पर पानी फेरने के साथ ही महकमे की किरकिरी कराने में भी कोई कसर नही छोड़ रहे। इसी कड़ी में ताज़ा कारनामा बदोसराय पुलिस का सामने आया है। जिसने अपराधियों को पकड़ने में नाकाम रहने पर घटना की ख़बर चलाने वाले पत्रकार के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। पुलिस के इस कारनामें को लेकर जहां जनपद के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त हो गया है वही आमजनमानस में भी पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है।
आपको बताते चले कि बीती 04-11-2024 की रात बाराबंकी ज़िले की बदोसराय कोतवाली से थोड़ी ही दूरी पर रहने वाले कमरुद्दीन उर्फ मासूक अली के घर धावा बोलकर अज्ञात चोर नगदी व जेवरात समेत लाखो का माल समेट ले गए थे। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने प्रारंभिक जांच पड़ताल के बाद घटना का मुकदमा तो दर्ज कर लिया करीब दो हफ़्ते बीत जाने के बाद भी घटना का खुलासा नही कर सकी। जिसके चलते स्थानीय पत्रकार अनिल कुमार कनौजिया ने पीड़ित गृहस्वामी का बयान लेकर 18-11-2024 को अपने यूट्यूब चैनल पर मामले की खबर चलाई थी। इसके अगले ही दिन 19-11-2024 को बदोसराय पुलिस ने पुलिस विभाग व उत्तरप्रदेश सरकार के खिलाफ द्वेषवश यूट्यूब व फेसबुक पर वीडियो प्रसारित करने के आरोप में पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
पत्रकार अनिल कनौजिया ने हमे फोन करके बताया कि इस ख़बर के चलने से जब क्षेत्र में पुलिस की फ़ज़ीहत हुई, तो पुलिस ने खबर को डिलीट करने का दबाव बनाया। ऐसा नही करने पर उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कर दिया गया। पत्रकार अनिल के मुताबिक एफआईआर में दर्शाया गया है कि बिना विवेचक या थाने से अपडेट लिए खबर का प्रसारण किया गया है जबकि उन्होंने ख़बर में क्षेत्राधिकारी रामनगर सौरभ श्रीवास्तव का वर्ज़न भी डाला था। उन्होंने बताया कि हैरतअंगेज बात तो यह रही कि शराबी, गद्दार और नमक हराम जैसे जो शब्द पीड़ित गृहस्वामी ने अपने बयान में पुलिस के लिए बोले, उसका ठीकरा भी उनके ऊपर फोड़ दिया गया है। जबकि पीड़ित गृहस्वामी को क्लीन चिट दे दी गयी है।
पीड़ित पत्रकार अनिल कनौजिया ने हमे अपनी वो खबर भी भेजी जिसे लेकर उनके ऊपर केस दर्ज किया गया है। हम एफआईआर की कॉपी के साथ उस खबर को भी यहां पोस्ट कर रहे हैं। ताकि एफआईआर में लगाए गए आरोपो में कितनी सच्चाई है इसका पता लगाना आपके और पुलिस महकमे के जिम्मेदार अधिकारियों के लिए आसान हो सके।
बदोसराय पुलिस के इस कारनामे को लेकर जनपद के पत्रकारों में पुलिस की कार्यशैली के प्रति आक्रोश व्याप्त है। पत्रकारों का कहना है कि पीड़ित या वादी के बयान के लिए भला खबर चलाने वाले पत्रकार को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है? पत्रकारों ने इसे बदोसराय पुलिस की तानाशाही बताते हुए बाराबंकी पुलिस के आलाधिकारियो से मामले में हस्तक्षेप करते हुए पत्रकार पर दर्ज फर्ज़ी मुकदमा वापस लेने की मांग की है।
रिपोर्ट – आफ़ताब अहमद
Author: Barabanki Express
Barabanki Express News 24×7 is the most credible hindi news portal of District Barabanki. pls follow to get updates what's happening around ur City and District
202