निंदूरा-बाराबंकी।
देश ही नही बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी एकल फोर्स होने का गौरव रखने वाली यूपी पुलिस को अक्सर ही अपने कुछ पुलिसकर्मियों की हरकतों के चलते जहाँ आलोचनाओं का शिकार होना पड़ता है। वही इसी यूपी पुलिस में तमाम ऐसे भी अधिकारी है जो संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा से अपने फ़र्ज़ को अंजाम देकर ना सिर्फ आम जनता के बीच ‘मित्र पुलिस’ की छवि को मजबूत कर रहे हैं बल्कि अपने विभागीय कर्मचारियों के लिए भी मिसाल कायम कर रहे हैं। करीब 06 साल से लापता युवक को उसके परिजनों से मिलाकर बाराबंकी जनपद के घुँघटेर थाने की जिम्मेदारी संभाल रहे उप निरीक्षक शिवकुमार भी यूपी पुलिस के ऐसे ही अधिकारियों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं।
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दरअसल घुंघटेर थाना क्षेत्र के पिपरिया गांव निवासी स्वर्गीय रामसागर का 27 वर्षीय पुत्र संतोष कुमार मानसिक दिव्यांग है। करीब 06 साल पहले वर्ष 2018 में घर से घूमने के लिए निकला संतोष लापता हो गया था। परिजनों ने गांव के आसपास व रिश्तेदारी में काफी खोजबीन किया लेक़िन संतोष का कोई अता पता नहीं चला। इसके बाद परिजनों ने निराश होकर घुंघटेर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। पुलिस ने भी संतोष को तलाशने के काफी प्रयास किए, लेकिन कोई सफलता नही मिलने पर पुलिस समेत संतोष के परिजन भी उसके मिलने की आस छोड़ चुके थे।
06 साल बाद मथुरा के वृंदावन में मिला लापता युवक
बीते कुछ महीनों पहले मथुरा जनपद के वृंदावन स्थित अपना घर आश्रम के संचालक धन्ना राम जान्दू को एक मानसिक विक्षिप्त युवक के सड़क किनारे पड़े होंने की सूचना मिली तो वो युवक को आश्रम ले आये। आश्रम के संचालक ने बताया कि युवक की हालत बेहद ही खराब थी। गर्मी के मौसम में सर्दी के गर्म कपड़े पहने युवक अपना नाम तक नही बता पा रहा था। जिसके बाद उसे आश्रम में रखकर उसका इलाज करवाया गया। दवा इलाज और देखभाल के चलते जब युवक की हालत कुछ स्थिर हुई तो उसने अपना नाम संतोष और बाराबंकी के घुंघटेर इलाके में अपना घर होने की बात बतायी। आश्रम संचालक धन्ना राम ने बताया कि करीब एक महीने पहले घुंघटेर थाने का नम्बर पता करके तत्कालीन थानाध्यक्ष को संतोष के बारे जानकारी दी गयी लेकिन उनकी तरफ से कोई रेस्पॉन्स नही मिल सका।
लावारिस अवस्था मे मिले संतोष का वीडियो
थानाध्यक्ष शिवकुमार की संवेदनशीलता व तत्परता के चलते परिजनों तक पहुंचा संतोष
आश्रम संचालक धन्ना राम ने बताया कि एक महीने तक इंतेज़ार करने के बाद भी थाने की तरफ से कोई जवाब ना मिलने पर 07 अगस्त 2024 को पुनः घुंघटेर थाने के नम्बर पर कॉल लगाया तो एसओ शिवकुमार से बात हुई। जिन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए थाने में दर्ज गुमशुदा व्यक्तियों का रिकॉर्ड चेक कराया और संतोष के गांव का पता लगाकर उसके परिजनों को ढूंढ निकाला। आश्रम संचालक द्वारा भेजें गए संतोष के फोटो देखते ही परिजनों ने संतोष को पहचान लिया। पुष्टि होते ही थाना अध्यक्ष शिवकुमार ने परिजनों को पुलिस टीम के साथ वृंदावन के लिए रवाना कर दिया। जिसके परिणामस्वरूप 06 साल बाद संतोष का अपने परिवार वालो के साथ मिलन हो सका।
06 साल बाद बेटे को सामने देख भावुक हुई मां
संतोष की मां ने जब 06 साल बाद अपने बेटे को सामने देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नही रहा। खुशी से उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। यह क्षण वाकई बहुत भावुक करने वाला था। जिसने आसपास के सभी पुलिसकर्मियों की आंखों को नम कर दिया। परिजनों का कहना था कि उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि उन्हें अपना बेटा कभी वापस भी मिलेग लेकिन थानाध्यक्ष घुंघटेर शिवकुमार की संवेदनशीलता व उनके प्रयासों से आखिरकार उन्हें अपना खोया बेटा वापस मिल गया। इसके लिए परिजनों ने आश्रम संचालक धन्ना राम, थानाध्यक्ष घुंघटेर और उनकी पूरी टीम का कोटि-कोटि आभार व्यक्त किया है। वही क्षेत्र के लोग भी पुलिसकर्मियों के इस सराहनीय कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा करते नही थक रहे।
रिपोर्ट – मन्सूफ़ अहमद / ललित राजवंशी
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Author: Barabanki Express
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