बाराबंकी।
तिलक समारोह के दौरान नर्तकी के साथ की जा रही छेड़खानी का विरोध जताने पर दबंगों द्वारा अंजाम दिए गए जानलेवा हमले व दोहरे हत्याकांड के 12 साल पुराने मामले में अपर सत्र न्यायाधीश कृष्ण चंद्र सिंह ने दो भाइयों समेत तीन अभियुक्तों को दोषसिद्ध करते हुए आजीवन कारावास और 35-35 हजार रुपये जुर्माना भुगतने की सजा सुनाई है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता वरुण मिश्रा ने बताया कि थाना मोहम्मदपुर खाला के बिझला गांव निवासी राजेंद्र के पुत्र बलराम का 26 मार्च 2012 को तिलक समारोह था। जिसमे थाना क्षेत्र के ही बभनावा गांव निवासी उनके समधी रमेश परिजनों के साथ आये थे। तिलक समारोह में कसौंजा गांव की नर्तकी अनीता का नृत्य चल रहा था। तभी गांव के ही विनय, रामचंद्र, रुद्दी पुत्रगण जिगर पाण्डेय और शंकर पुत्र ललन पाण्डेय नर्तकी के साथ छेड़छाड़ करने लगे। रमेश के साथ आये उसके भतीजे अखिलेश द्वारा छेड़खानी का विरोध करने पर चारों लोग जान से मारने की नियत से राइफल व बंदूक से फायरिंग करने लगे। जिसमे नर्तकी अनीता, प्रदीप और अखिलेश गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के लिए अस्पताल ले जाते समय रास्ते में अनीता व प्रदीप की मौत हो गई।
दोहरे हत्याकांड की इस घटना के बाद रमेश ने विनय, रामचंद्र, रुद्दी पुत्रगण जिगर पाण्डेय और शंकर पुत्र ललन पाण्डेय के ख़िलाफ़ थाना मोहम्मदपुर खाला में नामजद रिपोर्ट दर्ज करायी थी। गवाहों के बयान व दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने अभियुक्त रामचंद्र, रुद्दी व शंकर को हत्या, छेड़छाड़ और जानलेवा हमले के आरोप में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 35-35 हज़ार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि मुकदमे के चौथे अभियुक्त विनय की पूर्व में ही मौत हो चुकी है।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद
Author: Barabanki Express
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