e-SIM नई सिम टेक्नोलॉजी है, जिसे आज ज्यादातर स्मार्टफोन कंपनियां अपना रही हैं। e-SIM के साथ, जब भी आप कोई नंबर लेते हैं तो आपको नॉर्मल सिम कार्ड खरीदने के बारे में टेंशन करने की जरूरत नहीं होती है। आपको बस अपने e-SIM या अपने फोन में एम्बेडेड सिम को नए नेटवर्क पर रजिस्टर करना होता है। आज के दौर में कई लोग फिजिकल सिम कार्ड से e-SIM पर स्विच कर रहे हैं। ऐसे में फ्रॉडस्टर e-SIM का फायदा उठाने के लिए कुछ तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिनमें मुख्यतः डिजिटल धोखाधड़ी शामिल होती है। फ्रॉडस्टर e-SIM के ज़रिए कैसे फ्राड कर सकते हैं? और कैसे इन फ्रॉडस्टर से बचा जा सकता है। इस बारे में जानकारी दे रहे हैं साइबर क्राइम थाना बाराबंकी, के साइबर एक्सपर्ट राजन यादव।
e-SIM से फ्रॉड कैसे हो सकता है?
- 1. SIM स्वैप फ्रॉड: फ्रॉडस्टर आपके नाम से मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क कर यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि वे आप ही हैं। वे फेक पहचान (जैसे नकली आधार या पैन कार्ड) का इस्तेमाल करके आपके नंबर को अपने फोन पर e-SIM के जरिए एक्टिवेट करा लेते हैं। एक बार ऐसा होने पर, आपके फोन से सिग्नल चला जाएगा और फ्रॉडस्टर आपके मोबाइल नंबर से ओटीपी या कॉल्स रिसीव कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल वे बैंकिंग ट्रांजेक्शन या सोशल मीडिया अकाउंट्स तक पहुंचने के लिए कर सकते हैं।
- 2. फिशिंग अटैक: फ्रॉडस्टर आपको नकली ईमेल या मैसेज भेजकर आपकी पर्सनल जानकारी चुराने की कोशिश कर सकते हैं। इसमें वे आपका पासवर्ड, ओटीपी, या e-SIM एक्टिवेशन डेटा चुरा सकते हैं। एक बार उन्हें यह जानकारी मिल जाए, वे आपके e-SIM को अपने फोन पर एक्टिवेट कर सकते हैं और आपके अकाउंट्स का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
- 3. QR कोड हैक: e-SIM एक्टिवेशन के लिए एक खास QR कोड की जरूरत होती है। अगर यह कोड फ्रॉडस्टर के हाथ लग जाए (किसी फिशिंग मैसेज या धोखाधड़ी से), तो वे आपके e-SIM को अपने डिवाइस पर एक्टिवेट कर सकते हैं।
उदाहरण : मान लीजिए, आपके फोन में e-SIM लगा हुआ है और वह आपके बैंक अकाउंट से लिंक है। अगर किसी धोखेबाज ने आपका e-SIM आपके नाम से एक्टिवेट कर लिया, तो वह आपके फोन पर आने वाले ओटीपी को रिसीव कर सकता है। फिर वह इन ओटीपी का इस्तेमाल करके आपके बैंक खाते से पैसे निकाल सकता है, सोशल मीडिया अकाउंट्स का एक्सेस ले सकता है, या आपकी निजी जानकारी चुरा सकता है।
e-SIM फ्रॉड से बचने के तरीके
- 1. दो-स्तरीय सुरक्षा: आपके मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर से हमेशा डबल वेरिफिकेशन जैसे सुरक्षा उपायों को चालू रखें। यानी जब भी e-SIM को एक्टिवेट या स्विच किया जाए, तो ओटीपी या पिन कोड की जरूरत होनी चाहिए।
- 2. फिशिंग अटैक से बचें: कभी भी अनजान ईमेल, मैसेज या लिंक पर क्लिक न करें। ये आपके e-SIM से जुड़ी जानकारी चुराने का तरीका हो सकता है।
- 3. नेटवर्क प्रोवाइडर की वेरिफिकेशन: अगर आपको कोई संदेह हो कि आपका e-SIM गलत तरीके से एक्टिवेट हो रहा है, तो तुरंत अपने नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क करें और सुनिश्चित करें कि सब कुछ सही तरीके से हो रहा है।
e-SIM नई तकनीक होने के बावजूद, अगर सावधानी नहीं बरती गई, तो यह धोखाधड़ी का शिकार बन सकती है। थोड़ा सा सावधान रहते हुए निश्चित होकर इस नई तकनीक का आनंद उठाया जा सकता है।
रिपोर्ट – मन्सूफ़ अहमद
Author: Barabanki Express
Barabanki Express News 24×7 is the most credible hindi news portal of District Barabanki. pls follow to get updates what's happening around ur City and District
421