बाराबंकी।
“सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ द्वारा एक मत से इलेक्ट्रोरल बांड योजना को असंवैधानिक घोषित करना साबित करता है कि भाजपा द्वारा सफेद तरीकेे से काला धन एकत्र करने की एक अपारदर्शी योजना बनाई गयी। इलेक्ट्रोरल बांड घोटाले के बाद भाजपा पूरी बेनकाब हो चुकी है। मोदी जी का ‘ना खाऊँगा ना खाने दूँगा’ का नारा भी जुमला निकला। सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना पर ताला लगाकर सिद्ध कर दिया है कि भाजपा चोर दरवाजे से चन्दे के धन्धे का काला खेल खेल रही थी।”
यह बात बाराबंकी संसदीय क्षेत्र से इण्डिया गठबन्धन के प्रत्याशी तनुज पुनिया ने इलेक्ट्रोरल बांड घोटाला योजना पर आयोजित प्रेस वार्ता में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कही। तनुज पुनिया ने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत के निर्णय के बाद भी मोदी सरकार एसबीआई को इलेक्ट्रोरल बांड से सम्बंधित सूचना साझा करने से रोक रही थी। इस महाघोटाले में लिप्त मोदी सरकार को जनता में सामने कलई खुलने का डर था इसलिए आगामी 30 जून तक यानी लोेकसभा चुनाव सम्पन्न हो जाने तक सारी जानकारी छुपाने का प्रयत्न कर रही थी। परन्तु कोर्ट की सख़्ती के बाद बैंक को जानकारी सार्वजनिक करनी पड़ी तो भाजपा की चन्दा दो धंधा लो, हफ्ता वसूली, रिश्वत लेने का नया तरीका, फर्जी कम्पनियों के माध्यम से चन्दा वसूलने की नीति जैसे तमाम काले कारनामे उजागर हो गए।
तनुज पुनिया ने कहा कि जानकारी सार्वजनिक होने से यह साबित हो गया कि कई कम्पनियां जिन्होंने इलेक्ट्रोरल बांड दान किया और उसके तुरन्त बाद उनको मोदी सरकार से भारी लाभ प्राप्त हुआ। जैसे मेघा इंजीनियरिंग एण्ड इंफ्रा ने अप्रैल 2023 में 140 करोड़ के बांड डोनेट किये और एक महीने बाद उन्हें 14,400 करोड़ रूपये का ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया। घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल से गुजरात में मोरबी का झूला ब्रिज टूटने से सैंकड़ों लोगों की जान चली गयी। वेदांता को 3 मार्च 2021 को राधिकापुर पश्चिम प्राइवेट कोयला खदान का ठेका मिला और अप्रैल 2021 को वेदांता ने 25 करोड़ के चुनावी बांड दान किये।
इंडिया गठबंधन प्रत्याशी तनुज पुनिया ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुये कहा कि मोदी सरकार के कारनामों से प्रतीत हो रहा है कि उसने संवैधानिक संस्थाओं का दुुरूपयोग करके उद्योगपतियों और व्यापारियों में डर पैदा करके उनसे चन्दा लिया है। जैसे 02 अप्रैल 2022 को ईडी ने फ्यूचर गेमिंग एण्ड होटल पर छापा मारा और 05 दिन बाद 07 अप्रैल को 100 करोड़ रूपये के बांड कम्पनी द्वारा दान में दिए गयेे। इसी तरह इनकम टैक्स विभाग ने 23 दिसम्बर 2023को साईं इलेक्ट्रिकल पर छापा मारा और जनवरी 2024 में कम्पनी ने 40 करोड़ रूपये के इलेक्ट्रोरल बांड दान किये।
तनुज पुनिया ने कहा कि फर्जी कम्पनियों के खिलाफ अभियान छेड़ने का दावा करने वाले मोदी जी ने फर्जी कम्पनियों के माध्यम से चन्दा लिया है। इलेक्ट्रोरल बांड योजना आने के बाद अधिकतर फर्जी कम्पनियों ने सिर्फ भाजपा को चुनावी चन्दा देने के लिए अपना पंजीकरण कराया। 2018 के बाद कम से कम 43 ऐसी कम्पनियाँ स्थापित हुयी जिन्होंने अपनी स्थापना के कुछ ही महीनों के भीतर ही इलेक्ट्रोरल बांड खरीदे। इसमें कई कम्पनियां ऐसी भी हैं जिन्होंने अपनी शेयर वैल्यू से कई गुना अधिक चन्दा मोदी सरकार को दिया है। जैसे की क्विक चैन लिमिटेड की मालियत 130 करोड़ रूपये है और इस कम्पनी ने 410 करोड़ रूपये चुनावी चंदा दिया है।
तनुज पुनिया ने कहा कि यह साबित हो गया है कि 2 जनवरी 2018 को अधिसूचित बीजेपी की इलेक्ट्रोरल बांड योजना आजाद भारत की सबसे बड़ी चुनावी चन्दे की भ्रष्ट योजना थी। इस योजना के चलते मोदी सरकार ने कुछ खास उद्योगपति घरानों को नाजायज लाभ करवाया और भ्रष्ट नीतियों से देश का आर्थिक माहौल खराब किया। यह योजना सरकारी शक्ति के दुरूपयोग का नमूना बन गयी थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार देते हुये खारिज कर दिया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने भाजपा की मोदी सरकार के मन्सूबों को कामयाब नहीं होने दिया और भाजपा का असली चेहरा आवाम के सामने आ गया। इस महान घोटाले से साबित हो गया है कि मोदी का ना खाऊंगा न खाने दूंगा का नारा सिर्फ दिखावा था। मोदी सरकार आजाद भारत की सबसे भ्रष्ट सरकार है।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद
Author: Barabanki Express
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