बाराबंकी।
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में असामाजिक तत्वों की बेहद घिनौनी करतूत सामने आयी है। जिन्होंने साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने के लिए बाइक से मुर्गी टकराने के बाद सब्ज़ी लेने जा रहे तीन युवकों के साथ हुई मारपीट की घटना को सांप्रदायिक रंग देने के लिए जलाभिषेक के लिए जा रहे श्रद्धालुओ के साथ समुदाय विशेष के लोगो द्वारा मारपीट की अफवाह उड़ा डाली। जबकि हकीकत में बाइक सवार युवक हर हर बम बम करते शिवालय नही बल्कि झोला लेकर सब्ज़ी लेने लालपुर बाज़ार जा रहे थे। यह तो भला हो बाराबंकी पुलिस का जिसने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति पर नियंत्रण कर लिया वरना असामाजिक तत्वों ने दंगे की आग भड़काने में कोई कोर कसर नही छोड़ी थी।
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जानकारी के मुताबिक कोतवाली मोहम्मदपुर खाला अंतर्गत गायघाट निवासी प्रदुम्न चौहान पुत्र नन्हू चौहान, भानू पुत्र पन्ना लाल व कृष्ण कुमार चौहान पुत्र नारायन चौहान रविवार दिनांक 11.08.2024 की शाम करीब 06:30 बजे मोटरसाइकिल पर सवार होकर सब्ज़ी वगैरह लेने लालपुर बाज़ार की तरफ जा रहे थे। रास्ते मे केदारीपुर गांव के पास अचानक एक मुर्गी उनकी बाइक के सामने आ गई, जिससे मुर्गी का एक पर टूट गया। जिससे नाराज़ होकर कमरुद्दीन उर्फ हग्गन पुत्र एजाज़, अतीक पुत्र पूसू निवासीगण केदारीपुर, गुलफाम कुरैशी पुत्र हफ़ीज़ निवासी लालपुर व रफ़ीक पुत्र नूरहसन निवासी दशवन्तपुर अपने अन्य साथियों के साथ गाली गलौच करने लगे। युवको के विरोध जताने पर सबने लात घूसों और लाठी डंडों से हमला कर तीनो युवको को घायल कर दिया। इस इस बीच वहां पहुंचे पर्वतपुर के बीडीसी मेम्बर संतोष वर्मा व अन्य लोगो ने बीच बचाव कर मामले को और तूल पकड़ने से बचा लिया।
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घटना के बाद रात के करीब 10 बजे प्रदुम्न ने कोतवाली मोहम्मदपुर खाला पर दी लिखित तहरीर में भी इसी घटना का ज़िक्र किया है। जिसपर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सुसंगत धाराओं में घटना का मुकदमा दर्ज कर दो नामज़द आरोपियों अतीक और कमरुद्दीन को रविवार की रात तथा शेष दो आरोपियों रफीक और गुलफाम को सोमवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित प्रदुम्न के बड़े भाई विवेक चौहान ने भी बाराबंकी एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया कि तीनों युवक सब्ज़ी लेने बाइक से लालपुर बाज़ार जा रहे थे। रास्ते मे मुर्गी उड़ कर उनकी बाइक के पहिए के नीचे आ गयी। जिसके बाद गांव के लोगो द्वारा तीनों युवकों के साथ मारपीट की गई है। जिसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज करायी गयी है।
बिना पुष्टि किए सब्ज़ी लेने गए युवको को श्रद्धालु बताकर परोस दी गयी ख़बर ?
कई प्रतिष्ठित मीडिया बैनरों में चली ख़बरो के मुताबिक ‘गायघाट निवासी प्रदुम व कृष्ण कुमार चौहान रविवार हर-हर बम बम भोले के जयकारों के साथ बाइक से जलाभिषेक करने लोधेश्वर महादेवा जा रहे थे। इस बीच रास्ते में पड़ने वाले लालपुर करौता गांव के चौराहे पर एक मुर्गी बाइक से टकरा गई। मुर्गी के घायल होने पर नाराज मुस्लिम पक्ष के करीब 12 से 15 लोग इकट्ठा हो गए और दोनों युवकों के साथ मारपीट शुरू कर दी। समुदाय विशेष के लोगों ने युवको की जम कर पिटाई कर दी। इतना ही नही मारपीट की घटना को लेकर बीच बचाव में कूदे क्षेत्र पंचायत सदस्य क्षेत्र पंचायत सदस्य सरोज वर्मा को भी नही छोड़ा और उन्हे भी जम कर पीट दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और वायरल वीडियो फुटेज के आधार अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है।’
रविवार की देर शाम घटी इस घटना को इतने गैरजिम्मेदाराना और सनसनीखेज तरीके से पेश किया गया कि बाइक पर कितने लोग सवार थे ? कहा जा रहे थे ? किस किस की पिटाई हुई ? इसकी पुष्टि भी करना मुनासिब नहीं समझा गया। नतीज़ा यह रहा कि रविवार सुबह ख़बरे पढ़ने के बाद ख़ुद पीड़ित युवक और उनके परिवार के लोग, बीच बचाव कराने वाले बीडीसी मेम्बर संतोष वर्मा समेत पूरे इलाक़े के लोग हैरान रह गए। सवाल यह कि इतने संवेदनशील मामले की रिपोर्टिंग में इतनी बड़ी चूक महज़ जल्दबाज़ी का परिणाम है या कोई प्रायोजित एजेंडे के तहत पीड़ितों, उनके परिवार वालो, बीडीसी मेम्बर, यहां तक पुलिस प्रशासन के ज़िम्मेदारो का वर्जन लेना भी मुनासिब नही समझा गया ?
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आख़िर किसने रची इलाक़े का माहौल बिगाड़ने की साज़िश ?
मुर्गी के टकरा जाने के बाद स्थानीय लोगो द्वारा मारपीट करने की घटना कोई पहली बार नही हुई है। बल्कि ग्रामीण इलाको से ताल्लुक रखने वाले सभी लोग भलीभांति जानते होंगे कि मुर्गी या बकरी या किसी छोटे बच्चे के दोपहिया या चौपहिया वाहन से टकराने के बाद ग्रामीणों की इस तरह प्रतिक्रिया आम बात है। लेकिन लालपुर की घटना दो सम्प्रदाय के लोगो से जुड़ी होने के चलते बेहद संवेदनशील थी। ऐसे में जब घटना के करीब साढ़े तीन घंटे बाद पुलिस को दी अपनी तहरीर में ख़ुद पीड़ित ने और घटना के करीब 20 घंटे बाद हुई बातचीत में उसके परिजनो ने सब्ज़ी लेने बाज़ार जाने की कही है तो वही बीडीसी मेम्बर संतोष वर्मा ने भी बीच बचाव के दौरान भीड़ द्वारा उनकी पिटाई की ख़बर का खंडन करते हुए इसे कुछ लोगो द्वारा माहौल बिगाड़ने की साज़िश करार दिया गया। अहम सवाल ये है कि आख़िर वो कौन से असामाजिक तत्व है जिन्होंने जलाभिषेक करने महादेवा जाने वाले श्रद्धालुओ के साथ समुदाय विशेष के लोगो द्वारा मारपीट की झूठी अफवाह फैलाई ? सबसे अहम सवाल यह है कि पुलिस प्रशासन ऐसे असामाजिक तत्वों के ख़िलाफ़ आखिर क्या कार्रवाई कर रहा है ?
रिपोर्ट – कामरान अल्वी
Author: Barabanki Express
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