बाराबंकी।
मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में यूपी सरकार और बांदा जेल प्रशासन के बयानो को अलग अलग बताते हुए मुख़्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन ने इस पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कहा कि दोनों के बयान में विरोधाभास है। मुख्तार की मौत कैसे हुई, इसकी जांच कोर्ट को करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हो, जिससे मुख्तार अंसारी की मौत का पूरा सच सभी के सामने आ सके।
मुख़्तार से जुड़े गैंगस्टर मामले को लेकर गुरुवार को बाराबंकी के एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर-4 में विशेष सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव के सामने पेशी हुई, जिसमें मुख़्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बहस के दौरान जज के सामने कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर राज्य सरकार और जेल प्रशासन के कथनों में बहुत बड़ा अंतर सामने आया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आज न्यायालय में लिखित में प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि मुख्तार अंसारी के हाथ-पैर और नसों में दर्द होने के कारण उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था, जहां इलाज के दौरान हार्ट अटैक आ जाने के कारण उनकी मौत हो गई। जबकि बांदा जेल प्रशासन अभी तक कहता रहा है कि मुख्तार अंसारी को जेल के अंदर हार्ट अटैक हुआ था, जिसके बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
वकील रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि ऐसे में या तो राज्य सरकार गलत बयानी कर रही है या फिर जेल प्रशासन झूठ बोल रहा है। इसलिए इस बिंदु के ऊपर विशेष जांच करवाई जाने की जरूरत है, जिससे मुख्तार अंसारी की मौत के पीछे का पूरा सच सामने आ सके। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई जांच तभी हो सकती है, जब कोर्ट मुख्तार अंसारी की मौत मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश जारी करे। उन्होंने बताया कि आज की बहस के दौरान जज ने सारी बातें सुनकर फैसला सुरक्षित कर लिया। अब अगली तारीख पर कोर्ट इस पर अपना फैसला देगा।
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रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद
Author: Barabanki Express
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