लखनऊ-यूपी।
प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज ‘भारत में कृषि पर्यटन के माध्यम से कृषि शिक्षा एवं ग्रामीण विकास‘ विषय पर कृषि विश्वविद्यालयों का 48वां कुलपति सम्मेलन संपन्न हुआ। कार्यक्रम में आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अयोध्या का बांदा कृषि विश्वविद्यालय, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय सहित सात कृषि विश्वविद्यालयों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। राज्यपाल महोदया की मौजूदगी में इस मौके पर विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के बीच कुल 19 एम0ओ0यू0 सम्पन्न हुए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में राज्यपाल महोदया ने कहा कि अयोध्या एक जनपद ही नहीं बल्कि करोड़ों भारतीयों की श्रद्धा का स्थल है। शहरों में रहने वाले ऐसे पर्यटक जो ग्रामीण जीवन के बारे में नहीं जानते वे गांव की परंपराओं संस्कृति और रीति-रिवाज में भाग लेकर ग्रामीण जीवन के बारे में जान सकते हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने वाला प्रथम राज्य है, यहाँ सतारा, पुणे, नागपुर और नासिक में कई सफल कृषि पर्यटन केंद्र विकसित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में कृषि का एक मजबूत आधार है और यहाँ की समृद्ध, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त है।

विश्वविद्यालय शोध, प्रशिक्षण, जागरूकता, नीति निर्माण और तकनीकी सहायता प्रदान करके किसानों को सशक्त बना सकते हैं। कृषि विश्वविद्यालय कृषि पर्यटन से संबंधित नए शोध कर सकते हैं, जिससे किसान इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को वैज्ञानिक तरीके से संचालित कर सकें। अनुसंधान के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि कौन-कौन से मॉडल अधिक सफल हो सकते हैं और पर्यटकों को अधिक आकर्षित कर सकते हैं। जहां छात्र किसान और आम जनता ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और वेबसाइटों के माध्यम से किसानों को उनके कृषि पर्यटन व्यवसाय के प्रचार प्रसार में मदद कर सकते हैं।
राज्यपाल महोदया ने कहा कि भारत में जी0डी0पी0 को बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान माताओं और किसानों का है। उन्होंने आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय को पहली बार में ही नैक में ‘ए प्लस प्लस‘ प्राप्त करने पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सभी कृषि विश्वविद्यालय भारत में कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु कार्य करें। उन्होंने कहा कि आचार्य नरेंद्र देव कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पूर्वी उत्तर प्रदेश में कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने में रचनात्मक और सक्रिय भूमिका निभा रहा है तथा सरकार की परियोजना की मदद से कृषि पर्यटन केंद्र स्थापित कर रहा है। विश्वविद्यालय ग्रामीण युवाओं को कृषि आधारित पर्यटन में कौशल प्रदान करने और आय के अवसरों को बढ़ाने के लिए कृषि पर्यटन पर डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी शुरू करने जा रहा है जो की अत्यंत सराहनीय है।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि भारत दर्शन कर रहा हूँ, जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा की कृषि पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं और विश्वविद्यालय उसके महत्वपूर्ण केंद्र हैं। आचार्य नरेंद्र देव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए-नए पाठ्यक्रमों व डिप्लोमा कोर्सों की शुरुआत करने जा रहा है, जो सराहना के योग्य है। इससे कृषि पर्यटन को विकसित करने में गति मिलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से आचार्य नरेंद्र देव विश्वविद्यालय लोगों को सक्षम बना रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उप महानिदेशक डा0 आर0सी0 अग्रवाल ने कहा कि आई0सी0ए0आर0 राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कृषि शिक्षा में क्रांति लाने पर कार्य कर रहा है। कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कोर्स चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समुदाय से जुड़ाव के लिए कृषि पर्यटन बहुत अच्छा माध्यम है। आज का समय शहर से गांव की तरफ जाने का है और इसके लिए एक मॉडल तैयार कर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
राज्यपाल महोदया ने राज्य स्तर पर भाषण प्रतियोगिता में चयनित छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। भारत में डिजिटल कृषि विषय में चेष्ठा प्रथम, संदीप सिंह द्वितीय व दिव्यांश को तीसरा स्थान हासिल करने पर सम्मानित किया। भारत में कृषि पर्यटन में शुभांकर श्रीवास्तव प्रथम, गीताक्षी और विजय लक्ष्मी द्वितीय व अरुण आर्या को तीसरा स्थान पाने पर सम्मानित किया गया। यू0पी0 की वन ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका विषय में सौरभ शुक्ला प्रथम, नंदिनी कुमारी द्वीतीय व आय़ुष कुमार और अंबिका सिंह को तीसरा स्थान हासिल करने पर सम्मानित किया गया। भारत के लिए अत्यधिक कृषि नवाचार विषय में पुष्पित जोशी प्रथम, जिया जैन द्वितीय व नव्या सिंह को तीसरा स्थान हासिल करने पर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में अयोध्या, मेरठ, मथुरा व कानपुर से छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया था।

इस अवसर पर राज्यपाल महोदया ने विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में बलदाऊ वाटिका का लोकार्पण व प्रदेश स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। पुरस्कार पाने वालों में कृषि विज्ञान केंद्र हैदरगढ़ बाराबंकी को प्रथम स्थान के लिए डा0 अश्वनी कुमार सिंह, दो केंद्रों को दूसरा स्थान मिला, जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र नगीना बिजनौर के लिए डा0 के0के0 सिंह व कृषि विज्ञान केंद्र हमीरपुर के लिए डा0 आर0के0 सिंह को सम्मानित किया गया। तीसरा स्थान कृषि विज्ञान केंद्र कन्नौज के लिए डा0 वी0के0 कन्नौजिया को सम्मानित किया गया।
रिपोर्ट – नौमान माजिद
Author: Barabanki Express
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