बाराबंकी-यूपी।
यूपी के बाराबंकी जिले में किसान के बेटों ने भी जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) मेंस परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक में परचम लहराया है। श्री साईं इंटर कॉलेज में 99 से अधिक पर्सेंटाइल लाकर 5 मेधावियों का जलवा बना है। विद्यालय परिसर में शिक्षकों के साथ उत्तीर्ण छात्र ढोल नगाड़ों पर झूमते नजर आए हैं। संघर्ष के साथ जेईई मेंस परीक्षा क्रैक कर सभी छात्र कंप्यूटर इंजिनियर और यूपीएससी में अपना भविष्य बनाने का सपना देख रहे हैं।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) मेंस 2025 परीक्षा का रिजल्ट मंगलवार देर शाम जारी किया है। देश भर के छात्रों के साथ यूपी के बाराबंकी में नगर क्षेत्र के बड़ेल स्थित श्री साईं इंटर कालेज के छात्रों ने भी जगह बनाई है। उत्साहित शिक्षकों ने बुधवार जेईई मेंस परीक्षा में पास हुए सभी छात्रों को मिठाई खिला कर फूल मालाओं से स्वागत किया, साथ ही शिक्षक ढोल नगाड़ों पर जम कर झूमते नजर आ रहे हैं।

JEE मेंस परीक्षा में 99.75 पर्सेंटाइल लाने वाले छात्र सफीपुर मजरे बसावनपुर गांव के निवासी अमृताशं सिंह ने बताया कि मेरे पिता किसान हैं। मैने काफी कठिनाइयों और मेहनत के बीच ये परीक्षा पास की है। टेस्ट में मार्क्स कम आने पर डिमोटिवेशन के बीच अपने आप को मजबूत किया और कमियों को दूर कर अगले टेस्ट की तैयारी शुरू करता था। इन्होंने बताया कि जेईई एडवांस को क्वालीफाई करने के बाद कंप्यूटर साइंस इंजीनियर और इसके बाद सिविल सर्विसेज UPSC में जाने की इच्छा है। वहीं इसी कालेज के 99.75 पर्सेंटाइल लाने वाले दूसरे छात्र हमजा अंसारी ने बताया कि वो कम्प्यूटर इंजिनियर बनना चाहते हैं। इसी कालेज के 99.61 पर्सेंटाइल लाने वाले छात्र सूर्यांश मिश्रा, 99.39 पर्सेंटाइल लाने वाले प्रकल्प खरे और 99.39 पर्सेंटाइल लाने वाले मुदित वर्मा ने बताया कि माता पिता के साथ स्कूल के शिक्षकों ने काफी सहयोग किया है। जिससे परीक्षण में उत्तीर्ण हुआ हूं। सभी उत्तीर्ण छात्र जेईई एडवांस परीक्षा उत्तीर्ण कर कंप्यूटर इंजीनियर बनने का सपना देख रहे हैं। वहीं 97.85 पर्सेंटाइल लाने वाले शोभित सोनी बताते हैं कि तैयारी के दौरान टेस्ट में कम मार्क्स होने और पिता के मानसिक रूप से बीमार होने पर मुझे काफी डिप्रेशन का सामना करना पड़ा। जेईई एडवांस परीक्षा में इससे ज्यादा नम्बर लाने का प्रयास रहेगा।
श्रीसाईं इंटर कालेज के प्रबंधक सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि बच्चों को 9th क्लास से ही जेईई और नीट जैसी महत्वपूर्ण कंपटीशन की तैयारी कराई जाती है। निर्धन और कमजोर रूप से जुड़े बच्चों को मजबूत करने का पूरा प्रयास रहता है। छात्रों की तैयारी के लिए सिलेबस (पाठ्यक्रम) को समय से पूरा करना, रिविजन और बच्चों की शंकाओं का समाधान समय से दूर करना शिक्षकों की प्राथमिकता में रहता है। साथ ही परीक्षा को लेकर बच्चों के डिप्रेशन को भी दूर करने का पूरा प्रयास रहता है, क्योंकि जीवन की कोई भी परीक्षा अंतिम परीक्षा नहीं होती है। समय समय पर दुबारा से सभी परीक्षाएं आयोजित होती रहती हैं।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद
Author: Barabanki Express
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