मसौली-बाराबंकी।
अपने निजी स्वार्थ की खातिर जहां साम्प्रदायिक ताकतें धर्म और जाति के आधार पर समाज को बांटकर देश को कमजोर करने का षडयंत्र रच रही हैं। वही अपनी गंगा जमुनी तहज़ीब के लिए पहचाने जाने वाले बाराबंकी ज़िले में एक हिंदू पुलिसकर्मी ने जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे मुस्लिम मरीज़ को अपना ख़ून देकर न सिर्फ मरीज़ की जान बचाई बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता और मानवता की मिसाल क़ायम कर नफ़रत की आग भड़काने वाली देश विरोधी ताकतों के मुंह पर करारा तमाचा भी जड़ डाला है।
बाराबंकी ज़िले के थाना व कस्बा मसौली निवासी पत्रकार सरवर अली के वृद्ध पिता एक सप्ताह पूर्व सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गये थे। राहगीरों ने उन्हें हिंद अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां मौत और जिन्दगी से जूझ रहे पत्रकार के बुजुर्ग पिता की जान बचाने के लिए डॉक्टरो द्वारा तत्काल ब्लड की मांग करने पर परेशान परिजनों ने सोमवार को सोशल मीडिया के माध्यम से मदद की गुहार लगाई। ब्लड डोनेशन का मैसेज पढ़कर थाना मसौली की डायल 112 में तैनात हेड कांस्टेबल दिनेश यादव तत्काल हिन्द अस्पताल पहुंचे और अपना ब्लड डोनेट कर बुजुर्ग की जान बचा ली।
ब्लड डोनेट करने वाले हेड कांस्टेबल दिनेश यादव ने कहा कि रक्तदान करना एक प्रकार का महादान है। जो हर व्यक्ति को करना चाहिए। हम सब इंसान भगवान की छत्रछाया में अपना जीवन व्यतीत कर रहे है। हर व्यक्ति एक समान है। मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने कहा कि कोई भी जरूरतमंद रक्त के लिए अपना जीवन ना खोये इसके लिए लोगो से अपील करता हूं कि अगर किसी को रक्त की आवश्यकता है तो बढ़ चढ़कर रक्तदान करें क्योंकि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं होता है। वही इस घटना से पुलिस के प्रति आम लोगो का नजरिया भी बदला है और लोग हेड कॉन्स्टेबल के इस महान कार्य की भूरि भूरि प्रशंसा करते नही थक रहे।
रिपोर्ट – कामरान अल्वी / नूर मोहम्मद
Author: Barabanki Express
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