देश में नकली दवाओं के रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। यह नकली दवाएं नामी कंपनियों के ब्रांड नाम से तैयार की गई थीं। केंद्रीय औषधि एजेंसी ने देशभर की दवा लाइसेंसिंग अथॉरिटीज को इस बारे में अलर्ट किया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के मुताबिक बद्दी स्थित त्रिजल फॉर्मूलेशन में यह नकली दवाएं तैयार की गई हैं। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वीजी सोमानी को इस बारे में हिमाचल के ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह ने रिपोर्ट दी थी। इसके बाद वीजी सोमानी ने एक दिसंबर को जरूरी निर्देश जारी किए गए थे।
ONLINE SERVICE FLYER (1) - Made with PosterMyWall
ONLINE SERVICE FLYER - Made with PosterMyWall
ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन ने 22 से 24 नवंबर के बीच एक कार, दो गोदाम और बद्दी स्थित त्रिजल फॉर्मूलेशन के गैरआधिकारिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से यह नकली दवाएं बरामद की हैं। द ट्रिब्यून के मुताबिक इन नकली दवाओं की कुल वैल्यू एक करोड़ से ज्यादा बताई गई है। सीज की गई दवाओं में मोंटेयर, अटोर्वा, रोजडे, जीरोडॉल, टीएच4, डायटर, दिलजेम एसआर, यूरिस्पास और बायोडी3 कैप्सूल हैं। जिन कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बनाई गई हैं, उनमें सिप्ला, जायडस कैडिला, यूएसवी प्राइवेट लिमिटेड और आईपीसीए जैसे नाम हैं।
ONLINE SERVICE FLYER (1) - Made with PosterMyWall
ONLINE SERVICE FLYER (1) - Made with PosterMyWall
आगे की कार्रवाई के लिए इन दवाओं का बैच नंबर डीजीसीआई को बता दिया गया है। वहीं मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें, मास्टरमाइंड मोहित बंसल, अतुल गुप्ता, विजय कुशल और नरेश कुमार हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि इन दवाओं की बड़ी खेप यूपी के कुछ जिलों में उतारी जा चुकी है। जानकारी के मुताबिक इन जिलों में आगरा और अलीगढ़ के नाम शामिल हैं। यहां पर इन दवाओं को एमएच फार्मा नाम की होलसेल फर्म ने सप्लाई किया था। इस फर्म का मालिक मोहित नाम का शख्स बताया गया है। वह अपने दूसरे सहयोगियों के साथ त्रिजल फाउंडेशन को चला रहा था।
ONLINE SERVICE FLYER (1) - Made with PosterMyWall
ONLINE SERVICE FLYER - Made with PosterMyWall
बाजार में हो सकती हैं नकली दवाएं
जिस मात्रा में नकली बरामद की गई हैं, उससे यह आशंका उठ रही है कि इनकी बड़ी तादाद मार्केट में मौजूद है। इन नकली दवाओं में मोंटेयर-10 टैबलेट (अस्थमा से बचाव में इस्तेमाल) की 2.89 लाख टैबलेट छापेमारी के दौरान बरामद की गई। इसके अलावा 1.90 लाख टैबलेट जीरोडॉल टीएस4 की है, जो मसल संबंधी इलाज में इस्तेमाल होती है। 32,500 टैबलेट अटोर्वा-10 और 1.63लाख टैलबेट रोजडे-10 की हैं। इन दोनों को कोलेस्ट्राल के लिए दिया जाता है। साथ ही 1300 से ज्यादा कैप्सूल बायोडी-3 प्लस बरामद हुआ है जो कि एक विटामिन डी सप्लीमेंट है।