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बाराबंकी : निंदूरा ब्लाक की कई ग्रामपंचायतो में समतलीकरण के नाम पर लाखों का घोटाला

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निंदूरा-बाराबंकी।

शासन की लाख सख्ती के बावजूद मनरेगा में होने वाला गोलमाल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जिम्मेदारों की मिलीभगत से पंचायतों में बड़े पैमाने पर खुली लूट मची हुई है। 15,केंद्रीय वित्त व पंचम राज्य वित्त हो चाहे मनरेगा का कार्य या शौचालय निर्माण का कार्य यदि ईमानदारी से जांच हो तो बड़े-बड़े घोटाले उजागर हो सकते हैं। ऐसा ही मामला विकासखंड निंदूरा की कई ग्राम पंचायतों में चर्चा का विषय बना हुआ है जहां अपात्रों के खेत समतलीकरण के नाम पर मनरेगा से लाखों का फर्जी भुगतान किया गया है।

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ब्लाक निंदूरा की ग्राम पंचायत गडिया में राम सुमेर पुत्र सुनासर्दीन के खेत का समतलीकरण कार्य दिखाकर 72,846 रुपए का भुगतान कर दिया गया जिसमें मौके पर देखा गया तो खेत ट्रैक्टर से जोता मिला। इसके अतिरिक्त नाला सफाई कार्य दिखाकर लाखों का भुगतान कर दिया गया। ग्राम पंचायत रैंगवा में रामकली पत्नी रामपाल के खेत का समतलीकरण कार्य व फर्जी सी आई बी बोर्ड लगाकर समतलीकरण के नाम पर 49,842 का भुगतान कर दिया गया। रैंगवा ग्राम पंचायत में 62 लोगों की डिमांड चल रही थी जिसमें 3 कामों पर रामसेवक के घर से बहादुर के खेत तक चक बंद निर्माण कार्य कर सिर्फ 15 श्रमिक मौके पर काम करते दिखाई दिये। दूसरे काम रमेश के घर से कमलेश के घर होते हुए पृथ्वीपाल के खेत तक चक बंद निर्माण कार्य पर एक भी श्रमिक मौजूद नहीं था और तीसरे काम रामकली पत्नी रामपाल के खेत का समतलीकरण कार्य पर मौके पर देखा गया तो उसमें गेहूं की फसल बोई हुई थी। इस मामले में तकनीकी सहायक ने नियमों को दरकिनार कर बिल्कुल गलत तरीके से वित्तीय मत दिया है।

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ग्रामीणों का कहना है कि मनरेगा से किए गए भुगतान की जांच उच्च अधिकारियों से करायी जाए तो ग्राम स्तरीय कमेटी सहित विकास खंड के तकनीकी सहायक व कई कर्मचारियों और अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है। मनरेगा के कार्यों को फर्जी तरीके से संचालित करना केवल ग्राम प्रधान या सचिव के स्तर से संभव नहीं है इसके लिए ब्लॉक की तकनीकी सहायक के साथ ही अन्य कर्मचारी भी जिम्मेदार हैं पूरे मामले की गंभीरता से जांच हुई तो उनकी गर्दन फसना तय हैं। कार्य के बाद भुगतान के लिए भी मौके पर जाकर तकनीकी सहायक रिपोर्ट देते हैं इसके बाद भुगतान की प्रक्रिया होती है ऐसे में इस मामले में सभी शामिल हैं जब इस संबंध में खंड विकास अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई फोन नहीं उठा।

रिपोर्ट- ललित कुमार राजवंशी

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