Barabanki: नदारद रहे शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय दतौली चंदा में लटका रहा ताला; मायूस होकर लौटे बच्चे, ग्रामीणों में रोष 

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बाराबंकी के हैदरगढ़ क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय दतौली चंदा में शिक्षक ताला लगाकर नदारद। पढ़ाई ठप होने पर ग्रामीणों और भाकियू पदाधिकारियों में आक्रोश। शिक्षा विभाग से कार्रवाई की मांग।

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बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)।

खंड शिक्षा क्षेत्र हैदरगढ़ के प्राथमिक विद्यालय दतौली चंदा में शिक्षकों की लापरवाही से शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। मंगलवार को विद्यालय का ताला बंद मिला, जिससे पढ़ने आए बच्चे निराश होकर वापस लौट गए। इस घटना से स्थानीय ग्रामीणों और भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) पदाधिकारियों में गहरी नाराजगी है।

 

ताला बंद देख लौटे मासूम बच्चे

जानकारी के मुताबिक, विद्यालय में तीन शिक्षक रश्मि मिश्रा, अभिषेक तिवारी और पूनम तिवारी तैनात हैं। मंगलवार को तीनों एक साथ नदारद हो गए। इसके चलते स्कूल का ताला तक नहीं खुला। जब छात्र पढ़ने पहुंचे तो उन्हें गेट का ताला बंद मिला और सभी बच्चे मायूस होकर वापस घर लौट गए।

ग्रामीणों ने जब यह देखा तो उन्होंने शिक्षकों के खिलाफ नाराजगी जताई और सीधे खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) से शिकायत दर्ज कराई।

Barabanki: नदारद रहे सभी शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय दतौली चंदा में लटका रहा ताला; मायूस होकर लौटे बच्चे, ग्रामीणों में रोष 

मौके पर पहुँचे बीएलओ और शिक्षामित्र

शिकायत के बाद पूरे भवानी सिंह पुरवा में तैनात बीएलओ फूलचंद्र को विद्यालय भेजा गया। उन्होंने दूसरे विद्यालय से आए एक शिक्षामित्र की मदद से गेट खुलवाया। लेकिन तब तक सभी बच्चे वापस जा चुके थे, इसके चलते बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो गई।

 

भाकियू पदाधिकारियों का कड़ा बयान

भाकियू राष्ट्रीयतावादी संगठन के जिला अध्यक्ष विधिचंद्र यादव ने कहा कि

“सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। गरीब परिवार के बच्चे सरकारी स्कूलों पर निर्भर हैं, जबकि लाखों रुपये वेतन पाने वाले शिक्षक अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। यह गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। हम इस मामले की शिकायत शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से करेंगे।”

 

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बीईओ का अजब गजब बयान

इस मामले पर खंड शिक्षा अधिकारी धर्मेद प्रसाद ने सफाई देते हुए कहा कि

“एक शिक्षिका की मृत्यु हो जाने के चलते विद्यालय के सभी शिक्षक उनकी मिट्टी में गए हुए थे, जिसके कारण विद्यालय बंद रहा।”

 

 

लगातार सवालों के घेरे में शिक्षा व्यवस्था

ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि अगर इस तरह विद्यालयों में पढ़ाई बाधित होती रही, तो गरीब बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। लोग अब शिक्षा विभाग से लापरवाह शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


 

📄 रिपोर्ट – मंसूफ अहमद 

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Author: Barabanki Express

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