Barabanki: ट्रेनिंग में पंचायत सहायकों और सचिवों को परोसा गया जानवरों से भी बदतर खाना, प्रशिक्षार्थियों ने वीडियो बनाकर उजागर किया प्रशासनिक भ्रष्टाचार… Video 

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बाराबंकी में पंचायत सहायकों को CSC व e-District ट्रेनिंग के दौरान सड़ी सब्ज़ी और घुन लगे चावल परोसे गए। प्रशिक्षार्थियों ने घोटाले का आरोप लगाया।

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बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के तहत गांव-गांव तक डिजिटल सेवाओं को पहुँचाने और ग्रामीण नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से निदेशक पंचायती राज के निर्देश पर जनपद की सभी ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायत सहायकों एवं सचिवों का दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का मकसद पंचायत सहायकों को CSC सर्विस प्लस और e-District पोर्टल जैसी ऑनलाइन सेवाओं के बारे में जानकारी देना है, ताकि ग्रामीणों को जन्म, मृत्यु, जाति, आय, निवास प्रमाणपत्र समेत अन्य सुविधाएं सीधे पंचायत स्तर पर मिल सकें।

लेकिन, सूरतगंज ब्लॉक के पंचायत सहायकों और सचिवों के प्रशिक्षण में जिला प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार उजागर हो गया।

सड़ी सब्ज़ी और घुन लगे चावल पर परोसा खाना

15 सितंबर 2025 को लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर स्थित सागर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में चल रहे प्रशिक्षण के दौरान उस वक्त हड़कंप मच गया, जब दोपहर के भोजन में प्रशिक्षार्थियों को सड़ी हुई बासी सब्ज़ी और घुन लगे चावल परोस दिए गए।

खाना देखकर प्रशिक्षार्थी भड़क गए। नाराज़ प्रशिक्षार्थियों ने ख़राब खाने का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर प्रशासन के भ्रष्टाचार की कलई खोल दी।

“जानवर भी न खा सकें ऐसा खाना दिया गया”

आक्रोशित पंचायत सहायकों और सचिवों ने खाना खाने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि—

“जो भोजन हमें दिया गया है, उसे जानवर भी नहीं खा सकते। यह बेहद शर्मनाक है और साफ तौर पर भोजन के बजट में घोटाले की बू आ रही है।”

 

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जमकर हंगामा और घोटाले का आरोप

गुस्साए प्रशिक्षार्थियों ने जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) को पत्र लिखकर मामले की जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पंचायत सहायकों का आरोप है कि प्रशिक्षण के नाम पर भोजन बजट में बंदरबांट की जा रही है।

 

प्रशिक्षण का मकसद हुआ बदनाम

गौरतलब है कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य पंचायत सहायकों और सचिवों को डिजिटल साक्षर बनाना है। इसके तहत:

  • CSC सर्विस प्लस से ऑनलाइन प्रमाणपत्र सेवाओं की जानकारी,
  • e-District पोर्टल पर आवेदन और ट्रैकिंग प्रक्रिया,
  • ग्रामीणों के लिए पारदर्शी और तेज़ सेवाएं उपलब्ध कराना,
  • और डिजिटल इंडिया मिशन के तहत ग्राम पंचायतों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना शामिल है।

 

लेकिन प्रशिक्षण स्थल पर हुई इस घटना ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जिला प्रशासन पर सवालिया निशान

स्थानीय लोगों और प्रशिक्षार्थियों का कहना है कि—
अगर प्रशासन बुनियादी व्यवस्था जैसे साफ भोजन तक मुहैया नहीं करा सकता, तो डिजिटल सेवाओं की बात करना सिर्फ दिखावा है। यह पूरा मामला जिला प्रशासन की गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर करता है।


 

रिपोर्ट – कामरान अल्वी 

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Author: Barabanki Express

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