Barabanki: आस्था हॉस्पिटल के बाद अब शांति हॉस्पिटल में मरीज की मौत, परिजनों ने लापरवाही और लूट का आरोप लगाकर जमकर किया हंगामा

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बाराबंकी के शांति हॉस्पिटल में 38 वर्षीय मरीज पंकज यादव की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही और लूट का आरोप लगाया। परिजनों ने हंगामा किया, पुलिस ने स्थिति संभाली।

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बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)।

जनपद के निजी अस्पताल मरीजों के लिए कब्रगाह बनते जा रहे हैं। आए दिन इलाज में लापरवाही और अनियमितताओं के चलते मरीजों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौन बने हुए हैं। ताज़ा मामला नगर क्षेत्र के शांति हॉस्पिटल (सिद्धार्थनगर, विशाल मेगा मार्ट के पास) का है, जहां सोमवार को इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।

बुखार के इलाज के लिए भर्ती, रेफर के दौरान मौत

मृतक की पहचान पंकज यादव (38 वर्ष), निवासी बिरौली पोस्ट बिंदौरा थाना मसौली के रूप में हुई है। परिजनों के मुताबिक पंकज को 14 सितंबर को बुखार की शिकायत पर शांति हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। लेकिन 15 सितंबर की सुबह अचानक अस्पताल प्रबंधन ने उसकी हालत गंभीर बताते हुए लखनऊ रेफर करने की बात कही।

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परिजनों का आरोप है कि उन्हें मरीज से मिलने नहीं दिया गया और न ही सही जानकारी दी गई। आनन-फानन में एंबुलेंस बुलाकर मरीज को रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

लाखों वसूले, सही इलाज नहीं – परिजनों का आरोप

मृतक के भाई का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज के नाम पर लाखों रुपये वसूले, लेकिन समय पर बेहतर इलाज या उचित रेफर नहीं किया गया। यदि शुरुआत में ही पंकज को लखनऊ भेज दिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। पंकज यादव अपनी 5 और 2 साल की बेटियों के इकलौते सहारा थे, उनकी मौत से पूरा परिवार सदमे में है।

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डॉक्टर बोले – डेंगू और मलेरिया पॉजिटिव, मौत हार्ट अटैक से

इस मामले में शांति हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. हिमांशु वर्मा ने सफाई देते हुए बताया कि मरीज की रिपोर्ट में डेंगू और मलेरिया पॉजिटिव आया था, साथ ही प्लेटलेट्स भी काफी कम थे। डॉक्टर का दावा है कि मरीज की मौत हार्ट अटैक से हुई और रेफर करने का फैसला मरीज के हित में ही लिया गया था।

अस्पताल में हंगामा, पुलिस ने संभाला मोर्चा

मरीज की मौत की खबर फैलते ही परिजन और ग्रामीण अस्पताल में हंगामा करने लगे। स्थिति बिगड़ने पर मौके पर डायल 100 पुलिस और स्थानीय थाने की फोर्स पहुंची और लोगों को समझाकर माहौल शांत कराया।

स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल

लगातार सामने आ रहे निजी अस्पतालों की लापरवाही के मामलों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अवधेश यादव की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों में चर्चा है कि आखिर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा? उच्च अधिकारियों की चुप्पी और विभाग की उदासीनता ने इन घटनाओं को और गंभीर बना दिया है।


📝 रिपोर्ट – मंसूफ अहमद / उस्मान 

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Author: Barabanki Express

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