Lucknow: पाँचवें अंतरराष्ट्रीय उर्दू-हिंदी कॉन्फ्रेंस की तैयारियों को लेकर देश विदेश के प्रतिष्ठित विद्वानो, साहित्यकारो और शिक्षाविदो ने की बैठक


लखनऊ-यूपी।
आगामी 19, 20 एवं 21 अप्रैल 2025 को प्रस्तावित पाँचवें अंतरराष्ट्रीय उर्दू-हिंदी कॉन्फ्रेंस की तैयारियों को लेकर रविवार को वरिष्ठ भाजपा नेता व उत्तरप्रदेश के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डॉ. अम्मार रिज़वी के अलीगंज स्थित आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो0 रमेश दीक्षित द्वारा की गयी।

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बैठक में देश-विदेश के प्रतिष्ठित विद्वानों, साहित्यकारों और शिक्षाविदों ने उर्दू-हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक के दौरान लंदन स्थित पत्र ‘सहाफत’ के संपादक अमीर मेहदी को लंदन में सम्मेलन आयोजित कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। प्रो0 रेशमा परवीन ने सुझाव दिया कि ऐसे दिवंगत कवि एवं शायरों के विचार प्रस्तुत किए जाएँ, जिन्होंने धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दिया। वही डॉ0 जावेद अनवर ने कहा कि सम्मेलन के आलेखों में नए दृष्टिकोण और शोधपरक विचारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अंबर फाउंडेशन के चेयरमैन वफ़ा अब्बास ने सुझाव दिया कि ऐसे वक्ताओं को आमंत्रित किया जाए, जो उर्दू भाषा से जुड़े रोजगार के अवसरों पर प्रकाश डालें।

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शिया कालेज के प्रोफेसर नज़र काज़िम ने उर्दू के हस्तलिखित पत्राचार को दोबारा प्रचलन में लाने पर जोर दिया तो आतिफ हनीफ ने प्रस्ताव रखा कि सम्मेलन के उत्कृष्ट आलेखों को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाए। वरिष्ठ वकील अमीर हैदर ने आग्रह किया कि लोग अपने घरों में कम से कम एक उर्दू अख़बार अवश्य मंगवाएँ। बैठक में कॉन्फ्रेंस के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए डॉ. अम्मार रिज़वी ने कहा कि उर्दू और हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने घोषणा करी कि प्रत्येक देश में उर्दू बोलने वालों के लिए एक कन्वीनर नियुक्त किया जाएगा।
बैठक में उपस्थित विद्वानों ने उर्दू भाषा की महत्ता पर जोर देते हुए विश्व की महत्वपूर्ण पुस्तकों के उर्दू में अनुवाद के लिए “दारुल तर्जुमा” नामक संस्था के गठन, संयुक्त राष्ट्र में उर्दू को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने हेतु प्रस्ताव तैयार करना, भारत के विभिन्न राज्यों में उर्दू को द्वितीय भाषा का दर्जा दिलाने के प्रयास व उर्दू भाषा के संरक्षण और प्रसार हेतु एक स्थायी ट्रस्ट की स्थापना जैसी प्रस्तावित योजनाओ पर भी चर्चा की।

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बैठक में कई प्रमुख विद्वानों, पत्रकारों और साहित्यकारों ने भाग लिया, जिनमें प्रो. रमेश दीक्षित, प्रदीप कपूर, प्रो. खान मोहम्मद आतिफ़, अमीर हैदर, वफ़ा नक़वी, प्रो. रेशमा परवीन, डॉ. मुन्तज़िर क़ाएमी, आसिम रज़ा, अमीर मेहदी (बर्मिंघम, इंग्लैंड), इरफ़ान मंसूरी, जमील हसन नक़वी एवं विश्वस्तरीय पत्रकार अबू शहमा अंसारी सहित अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल थे। बैठक के समापन पर डॉ. अम्मार रिज़वी ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बैठक में लिए गए निर्णय उर्दू और हिंदी भाषा के संरक्षण एवं विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होंगे।
रिपोर्ट – नौमान माजिद / अबू शहमा अंसारी

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Author: Barabanki Express

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