कोठी-बाराबंकी।
ज़िले में स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से मानकों को ताक पर रख संचालित किए जा रहे निजी अस्पतालों के अप्रशिक्षित चिकित्सक व फार्मासिस्टों की मनमानी मरीजों की जान और तीमारदारों की जेब पर भारी पड़ रही है। यूं कहें कि उन्हें मौत के मुंह में धकेला जा रहा है तो भी गलत नही होगा। ऐसा ही एक ताज़ा मामला सामने आया है जहां कोठी से लेकर शहर स्थित तीन-तीन निजी अस्पतालो के चक्रव्यूह में फंसकर जच्चा-बच्चा की मौत मौत हो गई। इस बाबत पूछताछ करने पर अस्पताल संचालक द्वारा परिजनों के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट की गई। मामले की शिकायत पर कोठी पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है।
बाराबंकी के कोठी थाना क्षेत्र के बक्सावां मजरे कोठी गांव निवासी रंजीत गौतम ने बताया कि दो जनवरी की शाम करीब चार बजे पत्नी रीना गौतम (29) को प्रसव पीड़ा होने पर क्षेत्रीय आशा बहू गीता देवी के जरिए सीएचसी कोठी ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने अधिक प्रसव पीड़ा होने पर पुन: अस्पताल आने का कहकर लौटा दिया। तीन जनवरी की भोर अधिक प्रसव पीड़ा होने पर आशा बहू ने अपने परिचित कोठी क्षेत्र के हैदरगढ़ बाराबंकी मार्ग के पूरेरूद्र स्थित देवा हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां भर्ती के समय ही 27 हजार रूपये जमा कराया गया।
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रंजीत के मुताबिक पत्नी की हालत बिगड़ने पर देवा अस्पताल के कथित चिकित्सक शुभम ने शहर क्षेत्र के अयोध्या लखनऊ हाईवे पर स्थित सुनीता हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यहां भी 30 हजार रुपए जमा हुए। फिर यहां से उसे बड़ेल चौराहा निकट सतरिख रोड स्थित रेनू हॉस्पिटल में ले जाया गया। जहां 21 हज़ार जमा कराने के पश्चात डॉक्टर सर्वजीत कुमार के द्वारा नॉर्मल डिलीवरी के तहत मृत बच्चे को जन्म दिलाया। पति रंजीत ने बताया कि डिलीवरी के बाद पत्नी को रेनू हॉस्पिटल से देवा अस्पताल ले जाया गया। जहां शनिवार देर रात उसकी मौत हो गई। इस बाबत पूछताछ करने पर डॉक्टर शुभम और उसके भाई द्वारा उससे मारपीट की।
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रेनू हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर रेनू व डाक्टर सर्वजीत कुमार ने बताया कि प्रसूता रीना गौतम को शुक्रवार शाम अस्पताल लाया गया था। उसके पीलिया बीमारी से ग्रसित होने के चलते खून की कमी थी। पेट में ही बच्चे की मौत पहले हो चुकी थी। मगर नॉर्मल डिलीवरी से उसका प्रसव कराया गया। ब्लीडिंग होने पर उनके साथ आए देवा हॉस्पिटल के एलटीटी शुभम कुमार व आशा बहू गीता देवी इलाज कराने के बजाए ले जाने की जिद पर अड़े थे। पति रंजीत, चाचा सुखमीलाल, देवा हॉस्पिटल के चिकित्सक शुभम कुमार संयुक्त रूप से लिखित देकर अस्पताल से लेकर चले गए। एसएसआई कोठी शिवसागर तिवारी ने बताया कि क्षेत्र के सुहावां गांव निवासी ही राम अकबाल वर्मा की भवन में किराए का अस्पताल संचालित है। जहां से विवाहिता के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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