Search
Close this search box.

मोदी 3.0 में ये क्या हो रहा है ? (व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा)

 

कोई बताएगा कि आखिर ये हो क्या रहा है ? कहां तो मोदी 3.0 का शोर था। पहले की तरह शपथ ग्रहण थे। पहले की तरह का ही मंत्रिमंडल था। पहले की तरह मंत्रिपदों का वितरण था। दोनों सदनों में पहले वाले ही सभापति थे। पहले की तरह विदेश यात्राओं में झप्पियां वगैरह थीं। बस जरा मोदी जी का दिन का पोशाक बदलने का औसत कुछ कम हो गया था और उनकी जुबान से जब-तब एनडीए शब्द सुनाई देने लगा था। यानी सब कुछ करीब-करीब पहले की तरह ही चल रहा था। लेकिन, तभी अचानक पलस्तर के अंदर से ईंटें खिसकनी शुरू हो गयीं। बताइए, पहले तो यूपी की हार के बाद भी, दिल्ली के इशारे बेचारे ही रह गए और योगी जी लखनऊ की गद्दी से नहीं हटे, तो नहीं ही हटे। उल्टे बाबा ने पार्टी के ही सिर पर यह कहकर हार का ठीकरा फोड़ दिया कि हमें अति-आत्मविश्वास ने हरा दिया। गनीमत है कि मोदी जी की तरफ उन्होंने सिर्फ इशारा किया, नाम नहीं लिया, हालांकि जानने वाले जान ही रहे थे कि वह मोदी विश्वास की बात कर रहे हैं। जब से पार्टी मोदीमय हुई है, विश्वास की अति हो या कमी, आत्म तो सिर्फ एक का ही चलता है ! फिर क्या था, मौर्या जी बिफर गए। बाबा की खल्वाट खोपड़ी पर हार का ठीकरा फोड़ने को मचल उठे। बोले ये तो पार्टी को दोष लगाना है। पार्टी तो सबसे ऊपर होती है। पार्टी सरकार से ऊपर होती है। सरकार चलाने वाले अपने गरेबां में झांकें, पार्टी पर दोष लगाने की हिमाकत न करें। फिर क्या था, सिर थे और हार का ठीकरा। दिल्ली वाले ही डर गए और ब्रेक की सीटी बजा दी। अखिलेश यादव का मानसून ऑफर कहीं काम कर जाता तो !

यह भी पढ़े

Barabanki News: कोर्ट के आदेश पर ग्राहक के साथ धोखाधड़ी करने वाले बजाज ऑटो फाइनेंस कम्पनी के एजेन्ट पर केस दर्ज

खैर ! कुश्ती फिलहाल छूट गयी है और मानसून ऑफर भी कोई लेने को आगे नहीं आया है। पर डबल इंजन वालों के इकबाल की लंका तो लग गयी। योगी जी की मुजफ्फर नगर पुलिस ने कांवडिय़ों को मुस्लिम फल, मुस्लिम चाय, मुस्लिम रोटी-पानी वगैरह से बचाने के लिए, जरा सा ढाबों, दूकानों, टपरियों, रेहडिय़ों वगैरह पर उनका धर्म बताने वाले साइन बोर्ड लगाने का हुक्म क्या कर दिया, विरोधियों ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया, वहां तक तो ठीक था। लेकिन, जब बाबा ने इन विरोधियों से दो-दो हाथ करने के मूड में पूरी यूपी में वैसे ही साइन बोर्ड लगवाने के आदेश दिए, बाहर तो बाहर भीतर से भी कांय-कांय शुरू हो गयी। अपने ही पूर्व-मंत्री, नकवी साहब बेसाख्ता बोल पड़े कि जाति-धर्म के नाम पर क्यों बांटा जा रहा है। यह तो अच्छा नहीं है। अपनी ही ट्रोल आर्मी ने जब तक गालियां देकर किसी तरह उनका मुंह बंद कराया, तक बिहार वाले चिराग ने धुंआ फैलाना शुरू कर दिया। कहते हैं, मैं जाति-धर्म पर बंटवारे के पक्ष में नहीं हूं। फिर तो खरबूजे को देखकर मंत्रिमंडल में खरबूजे रंग बदलने लगे। और जयंत चौधरी के अपने इलाके का मामला था, सो पट्ठे ने हद्द ही कर दी। कहते हैं कि यह फैसला बिना सोचे-समझे लिए गया है। और अब जब सरकार से फैसला कर लिया है, वह अड़ गयी है। फैसला वापस नहीं लेते, तो भी उसे ठंडे बस्ते में डाल दो!
और सिर्फ एक ही मामला हो तो संभाला भी जाए। बजट सत्र शुरू हुआ नहीं है और उत्तर में नीतीश और दक्षिण में चंद्रबाबू ने अपने-अपने राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग कर दी है। उधर बंगाल में मोदी जी की पार्टी के सबसे बड़े नेता ने डिमांड कर दी है कि सब का साथ सब का विश्वास का नाटक बंद करो और जिस-जिस ने वोट दिया है, उसी का साथ देने का एलान करो। कोई और कह रहा है कि चार सौ पार के नारे ने मरवा दिया। यही हाल रहा तो मोदी 3.0 कैसे आएगा ? तीसरी पारी में मामला 2.25 से 2.50 के बीच में तो नहीं अटक जाएगा? किसी अखिलेश का कहा सच तो नहीं हो जाएगा?

 

फ़ोटो : राजेन्द्र शर्मा
लेखक वरिष्ठ पत्रकार और ‘लोक लहर’ के संपादक हैं।

 

 

 

यह भी पढ़े

Barabanki: नशे के कारोबार के ख़िलाफ़ एक्शन में योगी सरकार, शातिर तस्कर मो0 कैफ़ पर PIT एनडीपीएस एक्ट के तहत कसा शिकंजा

Barabanki Express
Author: Barabanki Express

Barabanki Express News 24×7 is the most credible hindi news portal of District Barabanki. pls follow to get updates what's happening around ur City and District

19114
आपकी राय

बाराबंकी 53 लोकसभा क्षेत्र से आप किस प्रत्याशी को अपने सांसद के तौर देखना पसंद करते हैं ?

और पढ़ें

error: Content is protected !!