
बाराबंकी, यूपी।
बाराबंकी जिले के रामनगर पीजी कॉलेज में समूह ‘ग’ के तीन पदों पर हुई भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगा है, जिसने जिला प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। इस मामले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे एडीएम बाराबंकी अरुण सिंह और कॉलेज के प्रिंसिपल सहित अन्य के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई गई है।
क्या है ‘भर्ती घोटाला’ और ADM पर लगे आरोप?
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि पिछले वर्ष अक्टूबर 2024 में रामनगर पीजी कॉलेज में नैत्यिक लिपिक, पुस्तकालय लिपिक और प्रयोगशाला सहायक (भूगोल) के तीन पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। लेकिन, ये विज्ञापन अत्यंत गोपनीय तरीके से और गुमनाम अखबारों में प्रकाशित किए गए, ताकि इनकी जानकारी आम जनता तक न पहुँच सके। इसके अलावा, विज्ञापन को कॉलेज के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर भी जानबूझकर नहीं डाला गया।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि इन भर्तियों में आरक्षण के नियमों का सरेआम उल्लंघन किया गया है और पहले से ही सांठगांठ करके पसंदीदा उम्मीदवारों की नियुक्तियां कर ली गई थीं।
प्रिंसिपल और ADM की भूमिका पर गंभीर सवाल
अमिताभ ठाकुर ने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि इस पूरे मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल कौशलेंद्र विक्रम मिश्रा और चयन समिति के अध्यक्ष एडीएम अरुण सिंह की प्रमुख भूमिका रही है। उन्होंने लोकायुक्त से इस पूरे ‘भर्ती घोटाले’ की गहन और निष्पक्ष जांच की मांग की है। यह शिकायत सामने आने के बाद जिला प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, खासकर तब जब एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी पर सीधे भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।

रिपोर्ट – मंसूफ अहमद
Author: Barabanki Express
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