Barabanki: ’29 हैंडपंप की मरम्मत में 63 लाख का खर्च’, ग्राम प्रधान पर फर्जी विकास कार्य दिखाकर लाखों के गबन का आरोप, ग्रामीणों ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

 


बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
एक ओर जहां केंद्र व राज्य सरकारें भ्रष्टाचार मिटाने के बड़े-बड़े दावे कर रही हैं, वहीं ज़मीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। बाराबंकी जिले के विकासखंड सिरौलीगौसपुर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत करोरा में प्रधान और उनके पति पर भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। आरोप है कि पंचायत में फर्जी विकास कार्य दिखाकर लाखों रुपये का गबन किया गया है।
ग्राम पंचायत की प्रधान रिंकी देवी और उनके पति रामजी लाल पर आरोप है कि उन्होंने कई योजनाओं में बिना कोई कार्य कराए ही सरकारी धन निकाल लिया। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में पारदर्शिता के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है और धरातल पर कार्य शून्य हैं।
भ्रष्टाचार के क्या-क्या है आरोप?
1. हैंडपंप मरम्मत में 63 लाख रुपये का गबन
  • पंचायत में सिर्फ 29 हैंडपंप हैं, जिनमें से कई अभी भी खराब हैं।
  • लेकिन रिकॉर्ड में हैंडपंप मरम्मत के नाम पर 63 लाख रुपये खर्च दिखाए गए हैं।
2. नाली और सड़क निर्माण पूरी तरह फर्जी
  • कालीदीन यादव के घर से खजुरी रोड तक नाली निर्माण दिखाकर ₹50,000 निकाल लिए गए, जबकि वहां एक ईंट भी नहीं लगी।
  • मुबारक अली, रामफेर, नंद किशोर वर्मा के घरों से तालाबों तक नाली निर्माण दिखाकर लाखों रुपये खर्च दिखाए गए, लेकिन मौके पर कोई निर्माण नहीं हुआ।
3. धार्मिक स्थल के नाम पर भी फर्जीवाड़ा
  • भोलेनाथ मंदिर से अनिल रावत के घर तक खड़ंजा निर्माण दिखाकर ₹50,000 का भुगतान किया गया, लेकिन न रास्ता है, न खड़ंजा।
4. इंटरलॉकिंग का भी झांसा
  • सुशील कनौजिया से शिवराम के घर तक इंटरलॉकिंग के नाम पर ₹80,000 निकाल लिए गए, जबकि ज़मीनी स्तर पर ईंट तक नहीं लगी।
5. अमृत सरोवर और तालाब खुदाई में फर्जी मजदूर
  • तालाबों की खुदाई में फर्जी नाम से मजदूरी दिखाकर लाखों रुपये का गबन किया गया है।
पंचायत बैठकें नहीं, फर्जी हस्ताक्षर
प्रधान पति ने कोई खुली बैठक नहीं कराई। पंचायत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करके कार्यवाही रजिस्टर तैयार किया गया।
  • इससे आक्रोशित होकर पंचायत सदस्य धर्मेंद्र कुमार वर्मा ने पद से त्यागपत्र देने की घोषणा कर दी है।
ग्रामीणों की मांग: सख्त जांच और एफआईआर
ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से मांग की है कि:
  • पूरे घोटाले की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
  • प्रधान और उनके पति रामजी लाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
  • गबन की गई राशि की वसूली और दंडात्मक कार्रवाई हो।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद

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Author: Barabanki Express

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