Barabanki:
बाराबंकी में “नो हेलमेट, नो फ्यूल” अभियान की पोल कांग्रेस नेत्री सना के वीडियो ने खोल दी। पेट्रोल पंप कर्मचारी खुलेआम बिना हेलमेट बाइक चालकों को पेट्रोल दे रहे हैं। प्रशासन की मंशा पर उठे सवाल।

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और हादसों में कमी लाने के लिए शुरू किया गया “नो हेलमेट, नो फ्यूल” अभियान महज़ कागज़ों तक सिमट कर रह गया है। प्रशासन के निर्देशों को दरकिनार करते हुए ज़िले के अधिकांश पेट्रोल पंप संचालक बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों को खुलेआम पेट्रोल उपलब्ध करा रहे हैं।
चार दिन बाद ही बेअसर साबित हुआ अभियान
1 सितम्बर से शुरू हुआ यह अभियान सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की बड़ी पहल माना जा रहा था। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के आदेश पर एआरटीओ प्रशासन/प्रवर्तन अंकिता शुक्ला और उनकी टीम लगातार जागरूकता अभियान चला रही है। बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों के चालान भी किए जा रहे हैं और पेट्रोल पंपों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि बिना हेलमेट किसी को पेट्रोल न दिया जाए।

लेकिन हकीकत यह है कि पेट्रोल पंप संचालकों ने केवल डिस्पेंसिंग यूनिट पर “नो हेलमेट, नो फ्यूल” का पोस्टर चस्पा कर खानापूर्ति कर दी है। पंप कर्मचारी खुलेआम बिना हेलमेट बाइक चालकों को पेट्रोल भर रहे हैं।
कांग्रेस नेत्री ने वीडियो से खोली पोल
शहर की कांग्रेस नेत्री सना ने इस अभियान की सच्चाई उजागर करने वाला एक वीडियो बनाया। उन्होंने बताया कि हाल ही में हुए सड़क हादसे में उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। हेलमेट की वजह से उनकी जान बची लेकिन फिलहाल सिर की चोट के कारण वे हेलमेट नहीं पहन पा रही हैं।
गुरुवार रात लगभग 9:30 बजे जब वे बस स्टॉप स्थित भारत पेट्रोलियम पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भराने पहुँचीं तो कर्मचारी ने उनसे हेलमेट न पहनने के कारण पेट्रोल देने से इनकार कर दिया। लेकिन उसी समय वहीं मौजूद अन्य बाइक सवार, जो बिना हेलमेट थे, आराम से पेट्रोल भरवा रहे थे।
सना ने जब इसका वीडियो बनाना शुरू किया तो मौके पर मौजूद एक युवक ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि वह अपना हेलमेट दूसरों को देकर पेट्रोल भरवाने में मदद करता है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक वाहन चालक पेट्रोल भरवाने के बाद युवक को उसका हेलमेट लौटा देता है।
सवालों के घेरे में अभियान की सफलता
इस वीडियो के सामने आने के बाद सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर पेट्रोल पंप संचालकों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते “नो हेलमेट, नो फ्यूल” जैसे महत्वपूर्ण अभियान का क्या लाभ है?
अगर बिना हेलमेट लोग आसानी से पेट्रोल भरवा रहे हैं तो सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार और प्रशासन की मंशा पर सवाल उठना लाजमी है।

क्षेत्र में चर्चा और प्रशासन पर दबाव
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। आम जनता पूछ रही है कि जब अभियान की जमीनी हकीकत ही यह है तो सड़क सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी? अब देखना होगा कि जिला प्रशासन पेट्रोल पंप संचालकों पर क्या सख्त कार्रवाई करता है।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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