Barabanki: डीएमओ संजय मिश्रा के ख़िलाफ़ पूर्व मंत्री ने खोला मोर्चा, कहा– “पसमांदा बच्चों के मदरसों में हथियार संग फैला रहे आतंक”, सीएम योगी से की “रिवॉल्वर” जब्त करने की मांग

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पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने बाराबंकी के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी संजय मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए। कहा – डीएमओ हथियार लेकर मदरसों में जाते हैं, महिला शिक्षिकाओं का अपमान करते हैं और वीडियो सोशल मीडिया पर डालते हैं। सीएम योगी से कठोर कार्रवाई की मांग।

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बाराबंकी/लखनऊ, उत्तर प्रदेश।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने बाराबंकी के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी (डीएमओ) संजय मिश्रा पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह अधिकारी गरीब पसमांदा बच्चों के मदरसों में हथियार लेकर जाता है, महिला शिक्षिकाओं का सार्वजनिक रूप से अपमान करता है और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करता है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि यह कृत्य न केवल कानून और सरकारी आदेशों का उल्लंघन है बल्कि गरीब बच्चों और महिला शिक्षिकाओं की गरिमा पर सीधा हमला है।

 

पूर्व मंत्री ने लगाए तीन गंभीर आरोप

अनीस मंसूरी ने विस्तार से तीन बिंदुओं में आरोप रखते हुए कहा –

1. सोशल मीडिया आचरण का उल्लंघन:

शासन द्वारा 19 जून और 22 जून 2024 को जारी आदेशों के बावजूद अधिकारी अपने दौरे के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं और खुद को “वीडियो स्टार” बना रहे हैं।

2. शस्त्र अधिनियम का उल्लंघन:

विद्यालयों और मदरसों में पिस्तौल लेकर जाना बच्चों की मानसिक सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि शैक्षणिक संस्थानों में हथियारों का प्रदर्शन प्रतिबंधित है, लेकिन अधिकारी ने इसे शक्ति प्रदर्शन का साधन बना दिया।

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3. महिला शिक्षिकाओं का अपमान:

महिला शिक्षिकाओं को सबके सामने डांटना, वीडियो बनाना और उन्हें सोशल मीडिया पर डालना, न केवल गरिमा का हनन है बल्कि सुप्रीम कोर्ट के विशाखा बनाम राजस्थान सरकार (1997) फैसले की धज्जियां उड़ाना है।

 

 

अनीस मंसूरी ने जताई कड़ी नाराज़गी

पूर्व मंत्री ने तल्ख़ लहजे में कहा –

 “यह सिर्फ एक अधिकारी की बदतमीज़ी नहीं, बल्कि शासन, कानून और महिला गरिमा का सामूहिक हनन है। मदरसों में पढ़ने वाले गरीब पसमांदा बच्चों और बच्चियों के लिए यह वातावरण और भी खतरनाक है। यदि ऐसे अधिकारियों पर तत्काल विभागीय और कानूनी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह संदेश जाएगा कि उत्तर प्रदेश में संविधान नहीं, बल्कि ‘तमाशे और आतंक’ का शासन चलता है।”

 

उन्होंने यह भी कहा कि यह सब उस सरकार में हो रहा है जो “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और “जीरो टॉलरेंस नीति” का दावा करती है।

 

सीएम योगी को लिखा पत्र, की सख्त कार्रवाई की मांग

अनीस मंसूरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्य सचिव और महिला आयोग को पत्र भेजकर मांग की है कि –

  • संजय मिश्रा पर उच्च स्तरीय विभागीय जांच बिठाई जाए।
  • उनके सोशल मीडिया से सभी आपत्तिजनक वीडियो हटाए जाएं।
  • शस्त्र अधिनियम और सेवा आचरण नियमों के तहत कठोर कार्रवाई कर उनका हथियार जब्त किया जाए।
  • उनके सर्विस रिकॉर्ड में प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की जाए।
  • अपमानित महिला शिक्षिकाओं और छात्राओं को सुरक्षा व काउंसलिंग उपलब्ध कराई जाए।

 

 

पसमांदा समाज ने दी चेतावनी

मंसूरी ने कहा कि पसमांदा मुस्लिम समाज इस मामले को केवल कानूनी उल्लंघन नहीं बल्कि गरीब बच्चों के अधिकारों और महिला गरिमा पर हमला मानता है। उन्होंने कहा कि समाज इस लड़ाई को अंत तक लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

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रिपोर्ट – नौमान माजिद 

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Author: Barabanki Express

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