Barabanki:  रहस्यमय ढंग से लापता ट्रक चालक का सुराग तक नहीं लगा सकी देवा पुलिस, पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी से लगाई गुहार, कहा — आरोपियों को बचा रही पुलिस

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लखनऊ निवासी ट्रक ड्राइवर विरेंद्र यादव बाराबंकी के माती फ्लोरेट टॉवर से रहस्यमय ढंग से लापता हो गए। पत्नी रीता यादव ने मुख्यमंत्री योगी से गुहार लगाई — आरोप, पुलिस नहीं कर रही निष्पक्ष जांच।

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बाराबंकी/लखनऊ, उत्तर प्रदेश।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक ट्रक चालक के लापता होने का मामला गंभीर मोड़ ले चुका है। लखनऊ निवासी महिला रीता यादव ने अपने पति विरेंद्र यादव की सकुशल बरामदगी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। रीता का आरोप है कि उनके पति को थाना देवां क्षेत्र के माती फ्लोरेट टॉवर के पास कुछ लोगों ने गायब कर दिया है, जबकि पुलिस मामले की गंभीरता के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है।

 

घटना की पूरी कहानी

रीता यादव के अनुसार, उनके पति विरेंद्र यादव, जो पेशे से ट्रक ड्राइवर हैं, लखनऊ के गौरव निगम पुत्र सुरेंद्र कुमार निगम की गाड़ी (ट्रक नंबर UP 32 QT 1711) चलाते थे।

28 सितंबर 2025 को वह सीमेंट से लदा ट्रक लेकर खलासी लालजीत पुत्र सत्येंद्र बिंद के साथ बाराबंकी के माती फ्लोरेट टॉवर पहुंचे थे। ट्रक को सोसाइटी के अंदर खड़ा करने के बाद विरेंद्र वहां से चले गए।

सुबह करीब 9 बजे विरेंद्र ने खलासी लालजीत को कॉल कर कहा कि जब ट्रक खाली हो जाए तो उन्हें फोन करे। लेकिन जब खलासी ने 12:38 बजे फोन किया तो विरेंद्र का मोबाइल स्विच ऑफ मिला। इसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला।

 

परिवार ने की तलाश, पर नहीं मिला कोई सुराग

परिवार और रिश्तेदारों ने कई जगह खोजबीन की लेकिन विरेंद्र का कोई पता नहीं चला। इसके बाद रीता यादव ने थाना देवां में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामला संख्या 497/2025, धारा 140(1) बीएनएस (364 IPC) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

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रीता का कहना है कि उन्होंने बार-बार पुलिस चौकी माती और थाना देवां के अधिकारियों से गुहार लगाई कि फ्लोरेट टॉवर के आस-पास लगे CCTV कैमरों की जांच की जाए, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया।

पुलिस ने खलासी और ठेकेदार को हिरासत में लिया लेकिन सिर्फ औपचारिक पूछताछ के बाद खलासी और ठेकेदार को छोड़ दिया गया।

 

चार संदिग्ध गिरफ्तार, फिर भी पुलिस खामोश

3 अक्टूबर को पुलिस ने चार संदिग्धों को हिरासत में लिया, जिनके पास से विरेंद्र यादव का मोबाइल फोन बरामद हुआ। इतना ही नहीं, पुलिस को इन संदिग्धों के मोबाइल से एक वीडियो भी मिला जिसमें वे लोग घटना वाले दिन विरेंद्र के साथ रात 2:30 बजे तक शराब पीते हुए दिख रहे हैं।

इसके बावजूद अब तक पुलिस यह नहीं बता पाई है कि विरेंद्र यादव कहां हैं। परिवार का कहना है कि पुलिस दबाव में आकर चारों आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है।

मुख्यमंत्री से की न्याय की अपील

अब परेशान पत्नी रीता यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि उनके पति को इन आरोपियों से खतरा है और उन्हें जल्द से जल्द बरामद किया जाए।

रीता ने अपने पत्र में लिखा —

“मेरे पति के गायब होने के बाद से पूरा परिवार दहशत में है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ करने के बजाय उन्हें बचा रही है। मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि मेरे पति को सुरक्षित बरामद कर न्याय दिलाया जाए।”

 

 

पुलिस का पक्ष

हालांकि थाना देवां पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और सभी पहलुओं पर गंभीरता से कार्रवाई की जा रही है। लेकिन अब तक विरेंद्र यादव का कोई सुराग न मिलने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

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रिपोर्ट – मंसूफ अहमद 

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Author: Barabanki Express

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