बाराबंकी।
यूपी के बाराबंकी ज़िले में शादी के बाद व्हाट्सएप पर पराए मर्द से चैटिंग एक नई नवेली दुल्हन को महंगी पड़ गयी। पारिवारिक न्यायालय के प्रधान अपर न्यायाधीश द्वितीय कृष्ण कुमार ने बीते दिनों तलाक़ के एक मुकदमे में चैटिंग की फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर पति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए तलाक को मंजूरी दे दी। इस मामले में पति की तरफ से साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत पत्नी की पराए मर्द से होने वाली चैटिंग और बातचीत को फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश ने तलाक़ का पर्याप्त आधार माना।
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नगर कोतवाली के आवास विकास कालोनी निवासी एक युवक का निकाह 12 मार्च 2020 को कानपुर निवासी एक युवती के साथ हुआ था। निकाह के चार माह बाद ही पति ने जुलाई 2020 में पत्नी से तलाक लेने की अर्जी कोर्ट में दाखिल कर दी। वही पत्नी ने भी पति पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगा दिया। करीब पांच वर्ष चले मुकदमे दौरान पति ने साक्ष्य के तौर पर निकाह के बाद पत्नी की दूसरे युवक से चैटिंग व फोटो फोरेंसिंक रिपोर्ट के साथ कोर्ट में प्रस्तुत किए। इससे पत्नी द्वारा लगाया गया दहेज उत्पीड़न का आरोप साबित नहीं हो सका। पति द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर फैमिली कोर्ट के प्रधान अपर न्यायाधीश द्वितीय कृष्ण कुमार ने पति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए तलाक को मंजूरी दे दी।
पीड़ित पति ने बताया कि निकाह के बाद भी पत्नी दूसरे युवक के साथ वाट्सएप पर चैट करने के साथ ही फोन पर बातचीत करती थी। यह बात पत्नी के घरवालों को बताई तो वह 17 मई 2020 को पत्नी को अपने साथ ले गए। इसके बाद उसने शरीयत के मुताबिक तीन बार पंजीकृत डाक से पत्नी को तलाक की नोटिस भेज दी। शरीयत के मुताबिक तलाक देने के बावजूद उसने कानूनी तौर पर तलाक पाने के लिए पारिवारिक न्यायालय में अर्जी दाखिल की।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद

Author: Barabanki Express
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