UP News: बहू की जिंदगी बचाने के लिए सास ने दी अपनी किडनी, रिश्तों की मिसाल बनी सास-बहू की अनोखी बॉन्डिंग 

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एटा जिले में एक सास ने अपनी बहू की जान बचाने के लिए किडनी दान कर दी। मायके से सहारा न मिलने पर सास का त्याग समाज के लिए प्रेरणा बना।

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एटा, उत्तर प्रदेश।

कहते हैं रिश्ते सिर्फ खून से नहीं, बल्कि अपनत्व और त्याग से भी मजबूत होते हैं। ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण यूपी के एटा जिले से सामने आया है, जहां एक सास ने अपनी बहू की जान बचाने के लिए अपनी किडनी दान कर दी। यह अनोखी मिसाल आज पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गई है।

 

बीमारी से जूझ रही थी बहू पूजा

फर्रुखाबाद की रहने वाली पूजा  की शादी वर्ष 2023 में एटा जिले के राजा का रामपुर क्षेत्र में हुई थी। प्रसव के दौरान हुए संक्रमण ने उनकी जिंदगी को संकट में डाल दिया। पूजा लंबे समय से गंभीर बीमारी से लड़ रही थीं। डॉक्टरों ने बताया कि पूजा की 75% किडनी खराब हो चुकी है और अब सिर्फ किडनी ट्रांसप्लांट ही उन्हें जीवन दे सकता है। पिछले छह महीनों से उनका डायलिसिस चल रहा था।

दुर्भाग्य से, इस मुश्किल घड़ी में मायके पक्ष ने पूजा का साथ छोड़ दिया। लेकिन उनके पति अश्विनी और सास बीनम देवी (55 वर्ष) मजबूती से उनके साथ खड़े रहे।

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सास ने किया त्याग का फैसला

हालात बिगड़ते देख बीनम देवी ने बड़ा कदम उठाया और अपनी किडनी बहू को देने का निर्णय लिया। डॉक्टरों की टीम ने लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया।

फिलहाल सास और बहू दोनों स्वस्थ हैं। पूजा को विशेष निगरानी में रखा गया है और डॉक्टर हर दूसरे दिन उनकी जांच कर रहे हैं।ऑपरेशन के बाद उन्हें एक वर्ष तक मेडिकल कॉलेज में नियमित उपचार की आवश्यकता होगी।

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परिवार के जज्बात

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर अरुण कुमार ने कहा—

“यह क्षण बेहद भावुक था। जब पूजा को मायके से सहारा नहीं मिला, तब सास ने त्याग और अपनत्व की मिसाल पेश की। यह साबित करता है कि रिश्ते केवल खून से ही नहीं, बल्कि बलिदान और प्यार से भी बनते हैं।”

 

सास बीनम देवी ने भावुक होकर कहा—

“मेरी बहू अब मेरी बेटी जैसी है। उसकी जिंदगी बचाना मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है।”

 

पति अश्विनी बोले—

“आज मेरी पत्नी मेरे साथ है तो सिर्फ मेरी मां की वजह से। मेरी पत्नी ने अभी तक अपनी बच्ची को भी नहीं देखा है, जो फिलहाल रामनगर में परिवार के साथ रह रही है।”

 

पूजा की आंखों में आंसू थे। उन्होंने कहा—

“मेरी सास ने मुझे नया जीवन दिया है। अब मेरा पूरा जीवन उन्हीं के नाम है।”

 

समाज के लिए प्रेरणा

डॉक्टरों का कहना है कि यह घटना समाज में सास-बहू के रिश्ते को लेकर बनी धारणाओं को तोड़ती है। टीवी धारावाहिकों में जहां अक्सर सास-बहू का रिश्ता झगड़े और कलह से जुड़ा दिखाया जाता है, वहीं एटा की यह सच्ची कहानी त्याग और अपनत्व का एक जीवंत उदाहरण है।


 

 

रिपोर्ट – नौमान माजिद  / उस्मान

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Author: Barabanki Express

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