Barabanki: “तुम्हारी जाति का काम जूते-चप्पल की मरम्मत करना है, पढ़ाई-लिखाई नहीं।”– UPSI की तैयारी कर रहे दलित छात्र से लाइब्रेरी में जातिगत भेदभाव

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बाराबंकी में क्वानटम लाइब्रेरी में दलित छात्र के साथ जातिगत भेदभाव का मामला। उच्च जाति के युवकों ने छात्र का टिफिन फेंका, गालियां दीं और मारपीट की। पढ़ें पूरी खबर।

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बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले से जातिगत भेदभाव और छुआछूत का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मसौली थाना क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे एक दलित छात्र को सिर्फ इसलिए प्रताड़ित किया गया क्योंकि वह उच्च जाति के छात्रों के साथ बैठकर खाना खा रहा था। मामला न केवल सामाजिक भेदभाव की गहरी जड़ों को उजागर करता है, बल्कि दलित छात्रों के लिए शिक्षा के रास्ते में मौजूद कठिनाइयों को भी सामने लाता है।

 

क्या है पूरा मामला?

ढफ़ालिनपुरवा गांव निवासी अनुसूचित जाति के छात्र उदयभान ‘निर्मल’ यूपी एसआई परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए वह मसौली चौराहे पर स्थित क्वानटम लाइब्रेरी में पढ़ाई करने जाते हैं। रविवार दोपहर करीब 2 बजे जब उन्होंने अपना टिफिन मेज पर रखा और लंच शुरू किया, तभी साथ में पढ़ रहे प्रदुम शुक्ला, निवासी मलौली गांव, ने जातिगत भेदभाव दिखाते हुए उनका टिफिन दूर फेंक दिया।

आरोप है कि प्रदुम ने जातिसूचक टिप्पणी करते हुए कहा—
“तुम नीच जाति के हो, हमारे साथ बैठकर खाना नहीं खा सकते।”

Barabanki: "तुम्हारी जाति का काम जूते-चप्पल की मरम्मत करना है, पढ़ाई-लिखाई नहीं।"-- UPSI की तैयारी कर रहे दलित छात्र से लाइब्रेरी में जातिगत भेदभाव

विरोध करने पर हमला

उदयभान के विरोध करने पर प्रदुम ने न केवल जातिसूचक गालियां दीं, बल्कि उनके साथ मारपीट भी की। इतना ही नहीं, उसने फोन करके अपने साथी अंशिक शुक्ला और तीन अन्य अज्ञात युवकों को भी बुला लिया। आरोप है कि सभी ने मिलकर छात्र की पिटाई की और अपमानित किया।

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पीड़ित छात्र ने बताया कि आरोपियों ने यह तक कहा—
“तुम्हारी जाति का काम जूते-चप्पल की मरम्मत करना है, पढ़ाई-लिखाई नहीं।”

 

जान से मारने की धमकी

पीड़ित उदयभान का कहना है कि मारपीट के बाद आरोपियों ने धमकी दी कि अगर उसने पुलिस में शिकायत की तो उसे और उसके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

सामाजिक सवाल खड़े करता है यह मामला

यह घटना न सिर्फ छुआछूत और जातिगत भेदभाव की समस्या को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि शिक्षा जैसी संवेदनशील जगहों पर भी दलित छात्रों को बराबरी का हक़ हासिल नहीं है।

 

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

पीड़ित छात्र और उनके परिजनों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


 

रिपोर्ट – मंसूफ अहमद 

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Author: Barabanki Express

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