
बाराबंकी, यूपी।
सोमवार, 23 जून की शाम को बाराबंकी शहर के पटेल तिराहे से कुछ ही दूरी पर स्थित लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस के सामने मुख्य सड़क पर अचानक एक चाइनीज मांझा आ गया, जिससे एक बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन, सिविल लाइंस चौकी पर तैनात दो जाबांज सिपाहियों की तत्परता और सूझबूझ से कई राहगीरों की जान बच गई।
जानकारी के मुताबिक, थाना कोतवाली नगर क्षेत्र की चौकी सिविल लाइन्स में तैनात सिपाही सौरभ कुमार और अनवर किसी वीआईपी कार्यक्रम से ड्यूटी कर वापस लौट रहे थे। जैसे ही उन्होंने सड़क पर चाइनीज मांझा देखा, उन्होंने बिना देर किए अपना वाहन रोका और तुरंत मांझे की ओर दौड़े। ट्रैफिक रोककर दोनों ने मांझे को सड़क से किनारे करने की कोशिश की, जिससे उनके हाथों में हल्की खरोंचें भी आ गईं। बाद में, उन्होंने उस खतरनाक मांझे को सड़क से हटाकर एक पेड़ की डाल में बांध दिया।
अगर इन दोनों सिपाहियों ने तुरंत कार्रवाई न की होती, तो कई राहगीर गंभीर रूप से घायल हो सकते थे, क्योंकि यह मार्ग शहर के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है और यहाँ प्रति मिनट सैकड़ों वाहनों का आना-जाना लगा रहता है।
स्थानीय लोगों ने सिपाहियों की इस कार्रवाई की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि “आज खाकी फरिश्ता बनकर मौके पर आ गई, नहीं तो कोई न कोई अप्रिय घटना अवश्य हो जाती।” राहगीरों ने प्रशासन से चाइनीज मांझे की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और इसका उपयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। लोगों का कहना है कि यह मांझा आम इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी जानलेवा बन चुका है। लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर घटनाओं के बाद ही विभाग क्यों जागता है और पहले से कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। चाइनीज मांझे से आखिर शहर वासियों को कब आजादी मिलेगी?
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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