लखनऊ-यूपी।
प्रदेश की राज्यपाल तथा राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली का स्वर्ण जयंती समारोह सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में राज्यपाल महोदया वर्चुअली शामिल हुईं। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती द्वार का उद्घाटन किया तथा विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयन्ती स्मारिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को उत्कृष्ट अकादमिक प्रदर्शन हेतु उपाधियाँ, पदक तथा खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस अवसर पर राज्यपाल महोदया ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय का स्वर्ण जयंती वर्ष केवल अतीत की उपलब्धियों का उत्सव ही नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने का भी अवसर है। उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और भारत की ज्ञान परंपरा तक्षशिला, नालंदा तथा विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों की विरासत से समृद्ध रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सफल क्रियान्वयन की सराहना की तथा पी0एच0डी0 छात्रों की संख्या में हुई पांच गुना वृद्धि को एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताया। उन्होंने रोजगार सृजन हेतु रूहेलखंड इंक्यूबेशन फाउंडेशन की स्थापना को भी सराहा, जिसके अंतर्गत 60 से अधिक स्टार्टअप सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं।

राज्यपाल महोदया ने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, वैश्विक निवेश के लिए भारत की पसंदीदा स्थिति तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे परिवर्तनकारी प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र निर्माण की धुरी है। उन्होंने सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में बजट वृद्धि, प्रयोगशालाओं की स्थापना, डिजिटल पुस्तकों के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्कृष्टता केंद्र तथा ज्ञान भारतम् मिशन जैसी योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जो योजनाएं ला रही है, उनका लाभ उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों को उठाना चाहिए और इन योजनाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को अधिक से अधिक अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय को नैक, वर्ल्ड रैंकिंग तथा एन0आई0आर0एफ0 में और बेहतर प्रदर्शन के लिए अग्रिम तैयारी करने का निदेश दिया।
राज्यपाल महोदया ने विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए दिव्यांग स्कूल की सराहना करते हुए कहा कि जनपद में दिव्यांग बच्चों का सर्वेक्षण कर यह पता लगाने का प्रयास किया जाना चाहिए कि दिव्यांग बच्चों के जन्म में वृद्धि हुई है या कमी आई है। इस आंकड़े को बेटियों को दिखाकर उन्हें जागरूक किया जाना चाहिए कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से ही स्वस्थ संतानों का जन्म संभव होगा। इसके अलावा, उन्होंने दिव्यांग बच्चों से संबंधित शोध करने और इसे स्कूलों एवं कॉलेजों तक पहुंचाने के निर्देश दिए। राज्यपाल महोदया ने बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को साइकिल रैली निकालने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा के कारण कई बेटियां परेशान हैं और कई महिलाएं व उनके छोटे बच्चे जेल में रहने को मजबूर हो जाते हैं। विद्यार्थियों को समाज में जागरूकता फैलाने के लिए आगे आना चाहिए और स्वयं संकल्प लेना चाहिए कि वे न दहेज लेंगे और न ही इसका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि जब विद्यार्थी इस प्रतिज्ञा को अपनाएंगे, तभी समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।

कार्यक्रम में सहकारिता एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास, भारत सरकार के राज्य मंत्री बी. एल. वर्मा, उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.पी. सिंह तथा विशिष्ट अतिथि सांसद बरेली छत्रपाल गंगवार ने भी अपने विचार व्यक्त किए तथा विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कार्य परिषद व विद्या परिषद के सदस्यगण, जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारीगण, विश्वविद्यालय के शिक्षक व कर्मचारीगण, विद्यार्थी तथा अन्य सम्मानित गणमान्य उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – नौमान माजिद
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Author: Barabanki Express
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