Barabanki: राजनीतिक संरक्षण के चलते जानलेवा हमले और डकैती के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही पुलिस — दहशत में पीड़ित परिवार, कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई थी FIR

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बाराबंकी के रामसनेही घाट क्षेत्र में जमीनी विवाद को लेकर बुजुर्ग पर जानलेवा हमला। कोर्ट के आदेश पर BNS की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते अब तक गिरफ्तारी नहीं। पीड़ित परिवार को लगातार धमकियां।

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बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।

ज़िले के रामसनेही घाट थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कोर्ट के आदेश पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। बताया जा रहा है कि आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते पुलिस कार्रवाई से परहेज़ कर रही है। वही दूसरी तरफ मनबढ़ आरोपी खुलेआम पीड़ित परिवार को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। जिससे वे भयभीत हैं।

 

 

घर में घुसकर बुजुर्ग पर जानलेवा हमला, परिवार के कई सदस्य घायल

दिलौना गांव निवासी 73 वर्षीय रामपाल तिवारी ने बताया कि
दिनांक 18 जुलाई 2025 को सुबह करीब 8 बजे वे घर पर मौजूद थे, तभी गांव के राकेश तिवारी पुत्र मदन लाल, शांति देवी पत्नी राकेश, अंजनी और अश्वनी पुत्रगण राकेश तिवारी लाठी-डंडे और बांका (धारदार हथियार) लेकर उनके घर में घुस आए।

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आरोपियों ने गालियां देते हुए रामपाल तिवारी और उनके परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया। जब रामपाल तिवारी ने घर के अंदर भागकर जान बचाने की कोशिश की, तो हमलावरों ने घर में घुसकर सिर पर बांका से वार किया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। पत्नी रामसावरी, भाई रामबक्श, और पोता अभिनव बचाने पहुंचे तो उन्हें भी लाठी-डंडों से बुरी तरह मारा गया। जिससे रामबक्श के पैर में फ्रैक्चर हो गया।

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आरोपियों ने अभिनव की जेब से ₹700 लूट लिए और घर में रखा 10 लीटर पिपरमिंट तेल भी उठा ले गए। जाते-जाते उन्होंने ट्रैक्टर और कार को क्षतिग्रस्त कर दिया और जान से मारने की धमकी देकर भाग निकले।

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पुलिस ने शिकायत नहीं सुनी, कोर्ट में दायर हुआ मामला

पीड़ित परिवार ने उसी दिन रामसनेही घाट थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके बाद 25 जुलाई 2025 को दोबारा आवेदन दिया, फिर भी सुनवाई नहीं हुई।

4 अगस्त 2025 को पीड़ित एसपी बाराबंकी के पास पहुंचे,
लेकिन आरोप है कि विपक्षियों को एक माननीय नेता का संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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इसके बाद पीड़ित ने एसीजेएम कोर्ट नंबर-11 में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 173(4) के तहत वाद दाखिल किया। जिस पर अदालत ने 28 अगस्त 2025 को पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।

 

कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज, पर गिरफ्तारी नहीं

कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ निम्नलिखित धाराओं में केस दर्ज किया —

 

  • धारा 115(2) जानबूझकर हत्या का प्रयास (Attempt to murder)
  • धारा 352 गंभीर मारपीट या चोट पहुँचाना
  • धारा 351(3) गैरकानूनी तरीके से किसी व्यक्ति को धमकाना या डराना
  • धारा 324(4) धारदार हथियार या खतरनाक वस्तु से हमला करना
  • धारा 303(2) चोरी या संपत्ति की क्षति पहुँचाना
  • धारा 333 जबरन संपत्ति या धन छीनना (Extortion/Robbery)
  • धारा 118(1) साजिश या अपराध में सहायता देना
  • धारा 109(1) अपराध को अंजाम देने के लिए उकसाना
  • धारा 309(4) सार्वजनिक शांति भंग करने वाला कार्य करना

 

इन धाराओं के तहत गंभीर अपराध (Grievous Offences) का मामला बनता है, जिनमें आरोपियों की गिरफ्तारी अनिवार्य है। लेकिन इसके बावजूद अब तक किसी आरोपी को हिरासत में नहीं लिया गया।

 

राजनीतिक संरक्षण के चलते बेखौफ घूम रहे आरोपी

पीड़ित रामपाल तिवारी का कहना है कि “हमने बार-बार न्याय की गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। आरोपियों को एक स्थानीय नेता का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए पुलिस कार्रवाई करने से डर रही है।”

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परिवार का कहना है कि आरोपी खुलेआम धमकियां दे रहे हैं,
और कहा जा रहा है कि अगर शिकायत वापस नहीं ली गई तो पूरे परिवार को खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 25 सितंबर 2025 को एसपी बाराबंकी को लिखित तहरीर भी दी गई, लेकिन फिर भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पीड़ित परिवार आज भी भय और असुरक्षा के माहौल में जीवन व्यतीत कर रहा है।


रिपोर्ट – मंसूफ अहमद 

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Barabanki Express
Author: Barabanki Express

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