
बाराबंकी-यूपी।
जहां एक तरफ सरकार द्वारा वनों की रक्षा के लिए करोड़ो का बजट खर्च किया जा रहा है। वही दूसरी तरफ वन विभाग के जिम्मेदारो की साठगांठ से हरियाली पर जमकर आरा चलाया जा रहा है। बेख़ौफ़ वन माफिया दिनदहाड़े प्रतिबंधित पेड़ काट कर लकड़ी गायब कर देते है और वन विभाग व पुलिस के कारिन्दों को कानों कान खबर नहीं लगती।
हम बात कर रहे है बाराबंकी जनपद के थाना व वन रेंज मसौली की, जहां ग्राम पंचायत धरौली गांव के उत्तर दिशा में बाढ़ कार्य खंड के सरकारी नाले की सीमा में लगे शीशम के तीन बहुत पुराने पेड़ जिम्मेदारों की मिलीभगत से बिना परमिट रात्रि के अंधेरे में काटकर नष्ट कर दिए गए। जब इसकी सूचना वन कर्मचारियों को दी गई तो जांच कर कार्रवाई करने की बात कहकर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गयी। इसी तरह बडागांव के दक्षिण दिशा में कर्बला के निकट शाद मियां की बाग में मेड पर लगे हरे भरे विशाल शीशम के पेड़ को भी जिम्मेदारों की मिली भगत से बगैर परमिट के काट कर नष्ट कर दिया गया।
फिर इसी क्रम में ग्राम बंजारन पुरवा में आम के तीन विशाल हरे-भरे पेड़ व ग्राम देवकालिया में ग्राम प्रधान के घर जाने वाले रास्ते पर मजार व सरकारी तालाब व आबादी की जमीन पर लगा एक विशाल देसी हरा भरा आम का पेड़ तो ग्राम देवकालिया से रामपुर जाने वाले मार्ग पर बनी मार्केट से लगभग 100 मीटर की दूरी पर मोड पर बाएं हाथ पर एक पेड़ सुखा तीन से चार दिन के बीच में जिम्मेदारों की मिलीभगत से वन माफियाओं द्वारा बगैर परमिट के काटकर नष्ट कर दिया गया। इन सभी मामलों में सूचना देने के बाद भी जिम्मेदारो द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नही की गई।
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कुल मिलाकर बात करे तो मसौली रेंज में अवैध कटान चरम सीमा पर है। जब शिकायत होती है या खबरें प्रकाशित होती है तो पहले तो वन माफियाओं को बचाने का प्रयास किया जाता है जब प्रयास में असफल हो जाते है तो जुर्माना करके पल्ला झाड़ लिया जाता है। इस तरह जिम्मेदारो की मिलीभगत से हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़ों को वन माफियाओं द्वारा काटकर महंगे दामों में लकड़ी बेचकर पर्यावरण को नुकसान पहुचाने के साथ साथ लाखों के राजस्व का भी चूना लगाया जा रहा है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर कहीं शादी का हवाला दे दिया जाता है तो कहीं किसान का या फिर आंधी या तूफान का या कहीं प्रधान के पैड पर लिखवा कर रिपोर्ट लगा दी जाती है। क्षेत्र के चर्चित वन दरोगा सतीश मिश्रा हरदम अवैध कटान को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। वन विभाग की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल है आखिरकार कैसे की जाएगी वनों की रक्षा और वन माफियाओं पर कैसे लगेगा लगाम? फिलहाल खबर प्रसारित होने के बाद संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है यह तो देखने वाली बात होगी।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद
SGPGI में भर्ती भांजी को देखकर लौट रहे युवक की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत

बाराबंकी-यूपी।
लखनऊ-बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित शहाबपुर टोल प्लाजा के निकट अज्ञात वाहन की चपेट मे आने से सीतापुर निवासी बाइक सवार की मौक़े पर ही दर्दनाक मौत हो गयी। सीतापुर जनपद के थाना महमूदाबाद क्षेत्र के ग्राम कंजिया निवासी 28 वर्षीय रितेश पुत्र हंसराज सोमवार को लखनऊ स्थित पीजीआई हॉस्पिटल मे भर्ती अपनी भांजी को देखकर बाईक नम्बर UP 34 BM 4532 से वापस घर लौट रहा था। मसौली थाना अंतर्गत शहाबपुर टोल प्लाजा के निकट स्थित मुर्गी फार्म के सामने अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक में जोरदार टककर मार दी। जिससे रितेश की मौक़े पर ही दर्दनाक मौत हो गयी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
रिपोर्ट – नूर मोहम्मद
Author: Barabanki Express
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