बाराबंकी में मनरेगा ऑनलाइन हाजिरी पोर्टल बना भ्रष्टाचार का नया अड्डा, शाहपुर ग्राम पंचायत में 14 लाख से अधिक का घोटाला; ग्रामीण बोले- ‘DC मनरेगा करा रहे भ्रष्टाचार’

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
एक तरफ जहाँ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को पारदर्शिता और फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली शुरू की गई है, वहीं बाराबंकी जनपद में यह पोर्टल ही भ्रष्टाचार का नया अड्डा बन गया है। जिले में मनरेगा घोटाला थमने का नाम नहीं ले रहा है, और ताजा मामला मसौली ब्लॉक की ग्राम पंचायत शाहपुर का सामने आया है, जहाँ ग्रामीणों ने ₹14 लाख 27 हजार 931 के भुगतान में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी (DM) से शिकायत की है। ग्रामीणों ने तो यहाँ तक आरोप लगाया है कि इस भ्रष्टाचार में सीधे तौर पर बाराबंकी के डीसी मनरेगा भी शामिल हैं।
‘ऑपरेशन पारदर्शिता’ की उड़ रही धज्जियां
मनरेगा में पारदर्शिता लाने के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि कार्यस्थल पर मेट को कार्य शुरू होने और खत्म होने पर श्रमिकों की दो अलग-अलग फोटो के साथ हाजिरी लगानी होती है। इस ऐप-आधारित हाजिरी के बाद ही श्रमिकों को उनकी मजदूरी का भुगतान मिलता है। हालांकि, मसौली ब्लॉक में ऑनलाइन उपस्थिति में अनियमितता बरतने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, और हैरत की बात यह है कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
ग्राम पंचायत शाहपुर के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए बताया कि यहाँ एक ही मजदूर की फोटो पर अलग-अलग मास्टर रोल भरकर पैसा निकाला जा रहा है। ग्रामीणों ने कार्यस्थल की मौके पर GPS कैमरे से वीडियो भी बनाया, जिसमें यह स्पष्ट दिखाई देता है कि जहाँ प्रतिदिन मुश्किल से 8-10 मजदूर काम करते हैं, वहीं सरकारी रिकॉर्ड में प्रतिदिन 70 से 80 मजदूर चढ़ाए जाते हैं। यह हाजिरी भी अक्सर 3 महीने बाद शाम को चढ़ाई जाती है, जिससे फर्जीवाड़ा आसानी से किया जा सके।
धरातल पर काम नहीं, फिर भी 14 लाख से अधिक का भुगतान
ग्रामीणों के अनुसार, विगत 21 अप्रैल 2025 से 7 जुलाई 2025 तक, ग्राम पंचायत शाहपुर में मनरेगा से कुल ₹14 लाख 27 हजार 931 का भुगतान हुआ है। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि धरातल पर यह कार्य कहीं दिखाई ही नहीं दे रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि सहायक विकास अधिकारी (TA) अजय वर्मा द्वारा फर्जी तरीके से मेजरमेंट बुक (MB) भरकर यह भुगतान कर लिया गया है।

ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए एक जिला स्तरीय टीम से इस पूरे मामले की गहन जांच करने की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार और अधिकारियों की इसमें मिलीभगत के चलते वास्तविक मजदूरों के हक पर डाका डाला जा रहा है।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद

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Author: Barabanki Express
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