Barabanki: बेटी पैदा होने की सजा…पति ने वीडियो कॉल पर दिखाई बेवफाई; फिर कहा ‘तलाक, तलाक, तलाक’ — आपको झकझोर देगी कैसरजहां की ये दर्दनाक दास्तान!

 


बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले से एक बेहद मार्मिक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के इस्लामपुर मजरे केसरी गांव की 26 वर्षीय कैसरजहां ने आरोप लगाया है कि शादी के कुछ महीनों बाद से ही दहेज की मांगों और मानसिक प्रताड़ना का सिलसिला शुरू हो गया। पति ने न केवल दूसरी शादी कर ली, बल्कि वीडियो कॉल पर अपमान कर फोन पर तीन तलाक दे दिया।
इस्लामपुर मजरे केसराई गाँव से आई कैसरजहां (26) की कहानी हर उस बेटी के लिए एक कड़वी सच्चाई है, जिसने अपनों के ही घर में गैर होने का दर्द सहा। चार साल पहले, जब कैसरजहां का निकाह सूरतगंज के वकील उर्फ फरीद से हुआ था, तो शायद उसने कभी नहीं सोचा होगा कि उसकी ज़िंदगी दहेज की आग, बीमारी की बेरुखी और ‘तीन तलाक’ के तूफान में ऐसे बिखर जाएगी।
शादी, फिर दहेज की मांग और प्रताड़ना
कैसरजहां के पिता ने अपनी हैसियत से बढ़कर बेटी को मोटरसाइकिल और अन्य दान-दहेज दिया, लेकिन शादी की खुशियाँ चंद दिनों की मेहमान निकलीं। कुछ ही समय बाद, पति वकील, ससुर यूनुस, सास सायरा, जेठानी झनाका बानो, नाजरीन और अन्य ससुरालियों ने कैसरजहां को कम दहेज लाने के ताने मारते हुए उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। कैसरजहां ने कई बार मायके में अपने माता-पिता और भाई को ससुराल की इन हरकतों के बारे में बताया, लेकिन हर बार उन्हें समझाया-बुझाया गया और वापस ससुराल भेज दिया गया।
छह महीने भी नहीं बीते थे कि पति ने गले में पहनने वाली दो तोले सोने की चेन की मांग कर दी। थोड़ी-सी देरी क्या हुई, मार-पिटाई का दौर शुरू हो गया। मजबूरन, पिता ने किसी तरह इंतज़ाम करके सोने की चेन भी दी, यह सोचकर कि शायद अब बेटी की ससुराल का यह तनाव खत्म हो जाए।

“शादी के छह महीने बाद पति ने जबरन दो तोले की सोने की चेन की मांग की। पापा ने जैसे-तैसे इंतज़ाम कर चेन दी, फिर भी अत्याचार बंद नहीं हुए,” — कैसरजहां

“बेटा हुआ तो ठीक, बेटी हुई तो तलाक़”
मार्मिक मोड़ तब आया जब कैसरजहां गर्भवती हुईं। सास और पति ने उन्हें धमकी देते हुए कहा, “अगर पुत्र हुआ तो इस घर में तेरा बसर होगा, अगर पुत्री हुई तो जिंदगी नरक करके तलाक दे दूंगा।” यह सुनकर प्रार्थिनी सदमे में आ गईं। नियति का खेल देखिए, समय पूरा होने पर एक पुत्री ने जन्म लिया। नवजात की दुनिया में आँखें खुलते ही, सबके चेहरे पर खुशी की जगह मुरझा गए।
इसके बाद तो कैसरजहां की जिंदगी और नरक बन गई। तरह-तरह के ताने, मानसिक उत्पीड़न के साथ ही दो लाख रुपया नगद और नए मॉडल की बुलेट गाड़ी की मांग को लेकर उसका जीना मुहाल कर दिया गया।
बीमारी में छुआछूत और दो साल का निर्वासन
इस मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के चलते, कैसरजहां को टीबी की गंभीर बीमारी हो गई। दर्द और बढ़ गया जब ससुरालियों ने उसका इलाज समय पर नहीं कराया और हालात बिगड़ते चले गए। ससुर यूनुस, जेठ अतीक, जेठ खालिक रोज पति से उसके सामने कहते, “अब यह ठीक नहीं होगी। इसे तलाक दे दो, दूसरी शादी करवा देंगे।” पीड़िता ने दर्द बयां करते हुए बताया कि टीबी से ग्रसित होने के कारण ससुराल वालों ने उससे छुआछूत करना शुरू कर दिया और उसे बिल्कुल अलग-थलग कर दिया। दो साल पहले तो मारपीट कर उसे ससुराल से भगा ही दिया गया।
वीडियो कॉल पर अपमान, फोन पर ‘तीन तलाक’
ससुराल से उसे निकालने के बाद पति वकील कोलकाता चला गया। पिछले दो साल से कैसरजहां मजबूर होकर मायके में रह रही है। इस दौरान, पति ने वीडियो कॉल करके किसी गैर महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में वीडियो दिखाते हुए उससे कहा, “देख लो, हमारे पास तुम्हारे अलावा भी कई लड़कियां हैं।”
फिर वह निर्मम दिन आया। दिनांक 15 और 16 जुलाई को पति ने फोन करके कैसरजहां को गंदी गालियां दीं और उसके बाद बताया कि उसने कोलकाता में एक हिंदू लड़की से शादी कर ली है। और अंततः, दिनांक 18 जुलाई, समय करीब 2 बजे, पति ने फोन करके ‘तीन तलाक’ दे दिया। इस एक फोन कॉल ने कैसरजहां की पूरी जिंदगी को तहस-नहस कर दिया।

“18 जुलाई को दोपहर 2 बजे पति ने फोन करके कहा — ‘तलाक, तलाक, तलाक’… मेरी दुनिया वहीं खत्म हो गई,” — कैसरजहां की आपबीती

शिकायत के बाद पुलिस ने दर्ज किया मामला
पीड़िता की शिकायत पर मोहम्मदपुर खाला पुलिस ने पति वकील, ससुर यूनुस, सास सायरा, जेठानी झनाका बानो, नाजरीन, देवर अतीक, खालिक और एक ननद के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है:
  • भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 82, 85, 115(2), 351(3), 352
  • दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 की धारा 3 और 4
  • मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार सुरक्षा) अधिनियम, 2019
एसएचओ जगदीश प्रसाद शुक्ला ने बताया कि मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
संपादकीय टिप्पणी:
कैसरजहां की यह कहानी दहेज, लैंगिक भेदभाव और सामाजिक उपेक्षा जैसे मुद्दों पर हमारे समाज की असल तस्वीर पेश करती है। यह सिर्फ एक महिला की नहीं, उन अनगिनत महिलाओं की कहानी है, जिनकी आवाज़ें अक्सर दीवारों में दब जाती हैं।
रिपोर्ट – कामरान अल्वी 

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Barabanki Express
Author: Barabanki Express

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