Barabanki: बारिश के चलते गिरी जर्जर कच्चे मकान की छत, दो मासूम बच्चियां मलबे में दबकर घायल, प्रशासन पर लापरवाही के आरोप

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बाराबंकी के रेहुरा गांव में कच्चे मकान की छत गिरने से दो मासूम बच्चियां मलबे में दब गईं। ग्रामीणों ने बचाया। 20 साल से गरीब परिवार को नहीं मिला आवास, प्रशासन पर लापरवाही के आरोप।

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बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।

जिले के हैदरगढ़ विकासखंड क्षेत्र के रेहुरा गांव में सोमवार की रात बड़ा हादसा टल गया। यहां बारिश के कारण एक कच्चे मकान की छत अचानक ढह गई। हादसे के समय मकान के अंदर परिवार सो रहा था। छत गिरने से मकान मालिक सहील की दो मासूम बेटियां – 8 वर्षीय जोया और 6 वर्षीय अजरा – मलबे में दब गईं।

ग्रामीणों की तत्परता से दोनों बच्चियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हादसे के बाद गांव में हड़कंप मच गया और लोग मौके पर जुट गए। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई, वरना यह घटना बड़ी त्रासदी में बदल सकती थी।

 

वर्षों से कच्चे मकान में रह रहा परिवार

पीड़ित परिवार के मुखिया सहील पुत्र उस्मान ने बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से कच्चे मकान में रह रहे हैं। उनकी पत्नी नुशरत ने बताया कि उन्होंने कई बार ग्राम प्रधान से पक्के आवास की मांग की, लेकिन मदद नहीं मिली।

परिवार का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना और जीरो पॉवर्टी योजना के बावजूद अब तक उन्हें लाभ नहीं मिला है।

 

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने दी सफाई

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सनद तिवारी ने बताया कि सहील का नाम पीएम आवास योजना और जीरो पॉवर्टी योजना में शामिल किया गया है। लेकिन अभी तक उन्हें आवास आवंटित नहीं हो सका है।

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ग्रामीणों ने उठाए सवाल

गांव वालों ने प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब यह परिवार वर्षों से जर्जर कच्चे मकान में रह रहा था, तो समय रहते आवास क्यों नहीं उपलब्ध कराया गया? अगर यह हादसा बड़ा होता तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता?

 

प्रशासन की लापरवाही उजागर

इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और पंचायत व्यवस्था की लापरवाही को उजागर कर दिया है। ग्रामीणों की मांग है कि गरीब परिवार को जल्द से जल्द आवास उपलब्ध कराया जाए और मामले की जांच कर जिम्मेदारी तय की जाए।

 

रिपोर्ट – मंसूफ अहमद 

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Author: Barabanki Express

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