Barabanki: गुजरात कमाने गए युवक की संदिग्ध मौत, आरोपियों पर FIR में हीलाहवाली से भड़के ग्रामीण, चौराहे पर शव रखकर किया प्रदर्शन

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बाराबंकी के कमोली गांव का युवक मजदूरी के लिए गुजरात गया था, लेकिन संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। शव पर चोटों के निशान देखकर परिजनों ने ठेकेदार पर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस की लापरवाही से भड़के ग्रामीणों ने शव चौराहे पर रखकर प्रदर्शन किया।

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बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।

दरियाबाद कोतवाली क्षेत्र के ग्राम व पोस्ट कमोली का एक 18 वर्षीय युवक मजदूरी के लिए गुजरात गया था। लेकिन परिवार के सपनों को तोड़ते हुए उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। अहमदाबाद से गांव लौटी लाश पर गंभीर चोटों के निशान देखकर परिजनों ने पड़ोसी गांव के ठेकेदार पर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की जगह केवल पोस्टमार्टम का हवाला दिया, जिससे ग्रामीणों में गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने शव को चौराहे पर रखकर घंटों प्रदर्शन किया।

 

कमाने के लिए बेटा गया गुजरात, लौटी उसकी लाश

ग्राम कमोली निवासी हशमत अली का बेटा सरताज (18 वर्ष) बीते 11 सितम्बर को ढेखवा गांव निवासी चन्द्रशेखर पुत्र नौमी लाल के साथ अहमदाबाद (गुजरात) पल्लेदारी करने गया था।
परिजनों ने बताया कि 13 सितम्बर को जब उन्होंने सरताज को फोन किया तो उसका मोबाइल बंद मिला। अगले दिन भी यही स्थिति रही। इससे परिवार को गहरी चिंता होने लगी।

इसके बाद उन्होंने चन्द्रशेखर से बात की और सरताज की तबीयत पूछी। लेकिन ठेकेदार ने बहानेबाजी शुरू कर दी। परिजनों ने जब वीडियो कॉल पर सरताज को दिखाने की मांग की तो चन्द्रशेखर टालमटोल करता रहा। ज़्यादा दबाव बनाने पर उसने कहा कि सरताज की तबीयत खराब है और वह उसे लेकर गांव लौट रहा है।

Barabanki: गुजरात कमाने गए युवक की संदिग्ध मौत, आरोपियों पर FIR में हीलाहवाली से भड़के ग्रामीण, चौराहे पर शव रखकर किया प्रदर्शन
फाइल फ़ोटो मृतक सरताज

 

एंबुलेंस में शव छोड़कर भागा ठेकेदार

परिजनों के मुताबिक, सोमवार को चन्द्रशेखर गांव के बाहर एक एंबुलेंस में सरताज का शव छोड़कर मौके से फरार हो गया। जब परिजनों ने शव देखा तो उस पर कई गंभीर चोटों के निशान थे।

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Barabanki के कमोली गांव का युवक मजदूरी के लिए गुजरात गया था, लेकिन संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। शव पर चोटों के निशान देखकर परिजनों ने ठेकेदार पर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस की लापरवाही से भड़के ग्रामीणों ने शव चौराहे पर रखकर प्रदर्शन किया।

यह नजारा देखकर परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया और उन्होंने पुलिस को तहरीर देकर ठेकेदार समेत अन्य लोगों पर हत्या का आरोप लगाया।

 

पुलिस की लापरवाही से भड़के ग्रामीण

परिजनों का कहना है कि उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया और कहा कि कार्रवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर होगी। इसके बाद शव को जिला मुख्यालय भेज दिया गया।

Barabanki के कमोली गांव का युवक मजदूरी के लिए गुजरात गया था, लेकिन संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। शव पर चोटों के निशान देखकर परिजनों ने ठेकेदार पर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस की लापरवाही से भड़के ग्रामीणों ने शव चौराहे पर रखकर प्रदर्शन किया।

मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद जब शव गांव पहुंचा तो आक्रोशित परिजन और ग्रामीण सड़क पर उतर कर इंसाफ की मांग करने लगे।

 

शव चौराहे पर रखकर प्रदर्शन

गुस्साए ग्रामीणों ने खजुरी चौराहे (कोटवाधाम-कोटवा मार्ग) पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ठेकेदार को बचाने की कोशिश कर रही है। ग्रामीणों ने मांग की कि चन्द्रशेखर और उसके साथियों पर तुरंत हत्या का मुकदमा दर्ज हो और उन्हें गिरफ्तार किया जाए।

Barabanki के कमोली गांव का युवक मजदूरी के लिए गुजरात गया था, लेकिन संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। शव पर चोटों के निशान देखकर परिजनों ने ठेकेदार पर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस की लापरवाही से भड़के ग्रामीणों ने शव चौराहे पर रखकर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के चलते सड़क पर लंबा जाम लग गया और यातायात पूरी तरह ठप हो गया।

 

पुलिस-प्रशासन का आश्वासन, तब माने ग्रामीण

घटना की सूचना पर टिकैतनगर प्रभारी निरीक्षक जगदीश प्रसाद शुक्ला, बदोसरांय प्रभारी अजीत कुमार विद्यार्थी और दरियाबाद प्रभारी निरीक्षक भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से लंबी बातचीत की और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। करीब दो घंटे बाद ग्रामीण शांत हुए और प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

 

सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यप्रणाली

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब परिजन लगातार पुलिस से शिकायत कर रहे थे तो एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही क्यों बरती गई?

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सरताज की डेड बॉडी पर गंभीर चोटों के निशान देखकर भी पुलिस ने कार्रवाई टाल दी, जिससे ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ा।

सरताज की मौत ने न सिर्फ एक परिवार को तबाह कर दिया, बल्कि पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे एक बार फिर बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।


 

 

रिपोर्ट – आफ़ताब अहमद 

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Barabanki Express
Author: Barabanki Express

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