
बाराबंकी-यूपी।
श्री कृष्ण एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मुख्य न्यासी राकेश कुमार वर्मा की पत्नी व संस्थापक ट्रस्टी विमला देवी ने भाजपा जिला उपाध्यक्ष मनोज कुमार वर्मा समेत 10 लोगो पर कूटरचना व फ्राड करके ट्रस्ट पर कब्जा जमाने का आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर सभी आरोपियों के खिलाफ थाना जहांगीराबाद में गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करके पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी है।
नगर कोतवाली के लखपेड़ाबाग मोहल्ला निवासी विमला देवी पत्नी राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि वह श्री कृष्ण एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की संस्थापक न्यासी है। यह ट्रस्ट वर्ष 2009 से संचालित है। ट्रस्ट के मुख्य न्यासी राकेश कुमार वर्मा हैं। इस ट्रस्ट से रमेश चंद्र आर्य उर्फ पुजारी पुत्र श्री कृष्ण का कोई संबंध कभी नहीं रहा है। फिर भी इन्होंने कई लोगो के साथ मिलकर कागजो में ट्रस्ट की बैठक दिनांक 27.12.2024 को फर्जी तरीके से दिखाकर बिना सूचना और बिना बैठक के कूटरचना करते हुए राकेश कुमार वर्मा को प्रबंधक/सचिव पद से हटा दिया तथा अपने पुत्र भाजपा जिला उपाध्यक्ष मनोज कुमार वर्मा को ट्रस्टी बना दिया, जो कि ट्रस्ट के नियमों के विपरीत है।
पीड़िता ने बताया कि रमेश चंद्र आर्य उर्फ पुजारी ने ट्रस्ट की कार्यवाही में अपने मुख्य सहयोगी राजकुमार उर्फ लाल बेग, अरविंद कुमार वर्मा, मान सिंह, अनीता वर्मा, आनंद कुमार वर्मा, विवेक कुमार वर्मा, अंशू वर्मा पुत्री हरी प्रसाद व आदर्श वर्मा उर्फ बन्टी की संलिप्तता से कई बड़े फ्राड कर डाले। सभी ने एक राय होकर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर अभिलेखों में छेडाछाड करके साक्ष्य के रूप में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर लिए व जिज़ प्रयोग में लेकर खूब लाभ कमाया। पीड़िता ने बताया कि इस बाबत 12.01.2025 को पूछताछ की तो विपक्षीगण ने न केवल गाली गलौज की बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी। रमेश उर्फ पुजारी ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर लहराकर धमकाया और कहा कि जो करना हो कर लो हम लोग का कुछ नहीं बिगाड़ पाओगी। जरूरत पड़ी तो गोली मरवा देंगे।
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आत्मदाह की धमकी के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
पीड़िता विमला देवी ने बताया कि करीब 6 माह से न्याय के लिए दर दर भटक रही थी। आरोपियों ने संगठित होकर उसे बहुत परेशान किया। दिनांक 14 अप्रैल 2025 को दिल्ली के जंतर मंतर पर आत्मदाह करने की धमकी के बाद प्रसाशन ने मामले का संज्ञान लिया। पीड़िता की तहरीर पर जांच की गई, प्रकरण सही पाए जाने पर 05 अप्रैल को सभी आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
फर्जी निकला गैंगरेप मुकदमा
पीड़िता ने बताया कि विपक्षियों ने उसे खामोश कराने के लिए अपनी राजनीतिक पहुंच के सहारे 19 सितंबर 2024 को एक महिला को मोहरा बनाकर उनके पुत्र, तीन भतीजो, देवर, दो नौकरो व एक रिश्तेदार समेत 4 अज्ञात पर मसौली थाने में गैंगरेप का मुकदमा भी दर्ज कराया था। लेकिन जांच में यह झूठा पाया गया। पीड़िता ने बताया कि इसके बावजूद उसने दबाव में हिम्मत नही हारी और अन्याय के खिलाफ लड़ती रही।
ट्रस्ट के चार कालेज है विवाद की वजह
ट्रस्टी विमला देवी के अनुसार शहाबपुर, मसौली और बेरिया में बने ट्रस्ट के चार कालेजो की देखरेख और पूरा नियंत्रण एक बाहरी युवती करीब 10 साल से कर रही है। परिवार के लोगो पर फर्जी मुकदमा, धमकाना, हक छीन लेने की वजहों से विवाद उपज गया। उसी शातिर महिला ने कूटरचना का सारा खेल बनाया है। इस मामले में प्रभारी निरीक्षक जहांगीराबाद ने बताया कि कूटरचना धोखाधड़ी की धाराओं में कई लोगो पर मुकदमा दर्ज किया गया। जिसकी जांच की जा रही है।

रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद
Author: Barabanki Express
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