
बाराबंकी, यूपी।
जनपद में परिवहन विभाग द्वारा 1 जून से 15 जून तक निजी चार पहिया वाहनों का व्यावसायिक (Commercial) उपयोग करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया, जिसमें लगभग 45 वाहन सीज़ किए गए और सैकड़ों का चालान हुआ। लेकिन, हैरानी और चिंता की बात यह है कि बाइक पर अत्यधिक सामान ढोने वाले दो पहिया वाहनों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, जिससे सड़क सुरक्षा गंभीर रूप से खतरे में पड़ रही है।
जिले में हज़ारों बाइक सवारों को सड़कों पर खुलेआम देखा जा सकता है, जो सड़क सुरक्षा नियमों को धता बताते हुए अपनी और दूसरों की जान को भी जोखिम में डाल रहे हैं। ये बाइक पर इतना सामान लादते हैं कि इनकी नंबर प्लेट और इंडिकेटर तक छिप जाते हैं। बाइक की अनुमन्य चौड़ाई व ऊंचाई से अधिक स्पेस में सामान लादने के कारण, ये मोड़ते समय पीछे भी नहीं देख पाते हैं। मोटर वाहन अधिनियम (एम वी एक्ट) के अनुसार, इस तरह सामान लादना खतरनाक ड्राइविंग की श्रेणी में आता है, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई न होने से ऐसी बाइक्स की संख्या में ‘संक्रमण की तरह’ बढ़ोतरी हो रही है।
इनकी चपेट में आकर अक्सर गंभीर दुर्घटनाएं होती हैं। हैरानी की बात यह है कि ये बाइक सवार धड़ल्ले से पुलिस चौकी, थाना और ट्रैफिक बूथों के सामने से गुजर रहे हैं, फिर भी इन पर कोई लगाम नहीं लगाई जा रही। इसी लापरवाही के नतीजे में विगत दिनों जैदपुर रोड पर जैदपुर थाना क्षेत्र के जरहरा गांव की शर्मा देवी और हैदरगढ़ रोड पर भवानीबख्श पुरवा के पास शहर की पुष्पा शुक्ला ऐसी ही मालवाहक बाइक की चपेट में आकर बुरी तरह से चोटिल हो चुकी है। परिवहन विभाग की इस दोहरी नीति और जानलेवा बाइक सवारों पर ढिलाई से सड़क सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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