Barabanki:
बाराबंकी में जिस होटल की सब्जी में मरी छिपकली मिलने का मामला सामने आया था, सोशल मीडिया पर उसी होटल का प्रचार कर विवादों से घिरे इंस्पेक्टर धर्मराज उपाध्याय। लोगो ने पुलिस मैनुअल के विरुद्ध निजी प्रतिष्ठान के प्रमोशन पर उठाए सवाल।

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
यूपी के बाराबंकी ज़िले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली और आचार संहिता पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।बीते 21 नवम्बर 2025 को जिस गुप्ता कचौड़ी कार्नर सब्जी में मरी छिपकली निकलने पर हंगामा हुआ था, अब उसी होटल का सोशल मीडिया पर प्रचार करते हुए बाराबंकी पुलिस के एक इंस्पेक्टर की तस्वीर वायरल हो गई है।
यह मामला इस लिए भी गंभीर माना जा रहा है, क्योंकि पुलिस कर्मचारी किसी भी निजी दुकान, ब्रांड या प्रतिष्ठान का सोशल मीडिया पर विज्ञापन या प्रचार नहीं कर सकते। यह पुलिस सेवा आचरण नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
सब्जी में मरी छिपकली ने बिगाड़ी युवती तबीयत
नगर कोतवाली क्षेत्र की कम्पनी बाग कॉलोनी निवासी केबिल टीवी व्यवसायी अख़्तर आलम की बेटी रिदा फातिमा ने 21 नवम्बर को अपने कर्मचारी विनय कुमार के माध्यम से पुलिस लाइन चौराहे पर स्थित गुप्ता कचौड़ी कार्नर से पूड़ी-सब्जी मंगाई थी। भोजन करते समय रिदा के होश तब उड़ गए जब सब्जी में एक मरी और तली हुई छिपकली मिली। छिपकली युक्त भोजन खाने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद परिवार के लोग उसे तत्काल निजी डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे।

मामले की जानकारी पुलिस और FSDA के अधिकारियो को दी गई। खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे, सब्जी का नमूना लिया और जांच के लिए भेजा। जांच के दौरान होटल में गंदगी और व्यावसायिक गैस सिलेंडर की जगह घरेलू गैस सिलेंडर के उपयोग की भी पुष्टि हुई।
मौके पर पहुंची पुलिस भी पूछताछ के बाद होटल संचालक धर्मेंद्र गुप्ता को कोतवाली ले गई। लेकिन होटल संचालक द्वारा अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगने पर युवती के परिजनों ने बड़ा दिल दिखाते हुए अपनी तहरीर वापस ले ली।
इंस्पेक्टर बने ‘ब्रांड एम्बेसडर’? सोशल मीडिया पर उठे सवाल
मामला शांत होने ही वाला था कि एक सोशल मीडिया पोस्ट से नया विवाद खड़ा हो गया। बाराबंकी पुलिस महकमे में तैनात इंस्पेक्टर धर्मराज उपाध्याय, जो सोशल मीडिया पर धर्मराज कवि शायर के नाम से सक्रिय है और जिनके करीब 2 लाख 76 हज़ार फॉलोअर्स हैं, उन्होंने उसी विवादित होटल पर छोले-भटूरे खाते हुए अपनी तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की।

तस्वीर में होटल संचालक आशीष गुप्ता भी उनके साथ खड़े नज़र आ रहे। पोस्ट में उन्होंने होटल संचालक अशीष गुप्ता और खाने की भारभरकर तारीफ की।
पोस्ट जैसे ही वायरल हुई, सोशल मीडिया पर सवालों की बाढ़ आ गई, लोगों ने सवाल खड़े किए–
- क्या एक इंस्पेक्टर वर्दी में निजी होटल का प्रमोशन कर सकता है?
- क्या यह पुलिस मैनुअल और सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन नहीं?
- जिस होटल पर खाद्य सुरक्षा का विवाद था, उसी का प्रमोशन क्यों?
क्या कहते है नियम? पुलिसकर्मी निजी प्रचार क्यों नहीं कर सकते
भारत के Police Conduct Rules, राज्य पुलिस मैनुअल और केंद्रीय बलों की आचार संहिता के मुताबिक:
- पुलिस कर्मचारी किसी भी निजी दुकान, व्यवसाय, प्रतिष्ठान, ब्रांड या उत्पाद का प्रचार नहीं कर सकते।
- विज्ञापन, endoresement या recommendation देना सख़्त प्रतिबंधित है।
- वर्दी में निजी प्रमोशन करना गंभीर अनुशासनहीनता है।
- इन नियमों का उद्देश्य पुलिस की निष्पक्षता, छवि और विश्वसनीयता को बनाए रखना हैं।
इसी कारण इंस्पेक्टर धर्मराज उपाध्याय द्वारा विवादित होटल का प्रचार किए जाने को लेकर विभागीय आचरण पर सवाल उठ रहे हैं।
पुलिसकर्मी किन चीजों को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं?
- सरकारी कार्य, जागरूकता अभियान
- ट्रैफिक नियम, जनहित संदेश
- अपराध रोकथाम से जुड़ी जानकारी
- विभागीय उपलब्धियां
लेकिन कोई भी निजी या व्यावसायिक प्रमोशन बिल्कुल नहीं पोस्ट कर सकते।
यदि कोई पुलिस कर्मचारी सोशल मीडिया पर दुकान का प्रचार करता है तो
यह निम्न श्रेणियों में आता है —
- कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन
- अनुशासनात्मक कार्रवाई योग्य अपराध
- राज्य पुलिस मैनुअल के अनुसार चेतावनी, निलंबन या विभागीय कार्रवाई
सोशल मीडिया पर पुलिस की किरकिरी
इंस्पेक्टर धर्मराज उपाध्याय की फेसबुक पोस्ट सामने आते ही लोग भड़क उठे। कई यूजर्स ने कमेंट किया कि–
- “छिपकली वाली सब्जी देने वाले होटल का प्रमोशन पुलिस क्यों कर रही?”
- “क्या पुलिस की वर्दी का ऐसा उपयोग उचित है?”
- “क्या बाराबंकी के पुलिस कप्तान इस अनुशासनहीनता पर कार्रवाई करेंगे?”
पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा किए गए सार्वजनिक प्रमोशन ने न केवल लोगों को हैरान किया है बल्कि पुलिस विभाग की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगो के ये सवाल अब पुलिस विभाग के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।
रिपोर्ट – कामरान अल्वी
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Author: Barabanki Express
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