Barabanki: स्वच्छ भारत मिशन की खुली पोल; ग्राम पंचायतों में बंद पड़े सामुदायिक शौचालय, खुले में शौच के लिए मजबूर ग्रामीण

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बाराबंकी जिले में स्वच्छ भारत मिशन की स्थिति चिंताजनक है। ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालय शोपीस बनकर रह गए हैं। कई स्थानों पर ताले लटके हैं, जिससे ग्रामीणों को खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

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बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।

सरकार द्वारा स्वच्छता को बढ़ावा देने और खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission), बाराबंकी जिले में अब लापरवाही का शिकार होता नजर आ रहा है। जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों में बने सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय शोपीस बनकर रह गए हैं।

एक ओर केंद्र और राज्य सरकारें गांवों तथा कस्बों को खुले में शौच मुक्त (ODF) घोषित करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर कई ग्राम पंचायतों में बने शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं।

 

रहरामऊ ग्राम पंचायत का हाल

तहसील नवाबगंज विकासखंड मसौली के अंतर्गत ग्राम पंचायत रहरामऊ में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बना सामुदायिक शौचालय सफेद हाथी बन गया है। नियमों के अनुसार, शौचालय को सुबह 5 बजे से 10 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहना चाहिए, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह शौचालय कभी-कभार ही खुलता है।

अधिकतर समय यह बंद रहता है, जिसके कारण ग्रामीणों को खुले में शौच जाने की मजबूरी झेलनी पड़ती है।

 

ODF PLUS ग्रामों की सच्चाई

कई ग्राम पंचायतों को ODF PLUS घोषित कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि सभी ग्रामीण खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। मगर ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।

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सूत्रों के अनुसार, मसौली विकासखंड के कई अन्य ग्राम पंचायतों में भी यही स्थिति है—जहां बने सामुदायिक शौचालय या तो बंद पड़े हैं या देखरेख के अभाव में जर्जर हो चुके हैं।

 

मेंटेनेंस और मानदेय पर उठे सवाल

सरकार द्वारा सामुदायिक शौचालयों के संचालन हेतु केयरटेकर के मानदेय और मेंटेनेंस की राशि भी जारी की जाती है। इसके बावजूद शौचालयों का सुचारू संचालन न होना, स्थानीय अधिकारियों और ग्राम पंचायत सचिवों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और बंद पड़े शौचालयों को जल्द से जल्द चालू कराया जाए ताकि स्वच्छ भारत मिशन की असली भावना को साकार किया जा सके।

अब देखना यह है कि खबर प्रकाशित होने के बाद स्थानीय प्रशासन और जिला अधिकारी इस पर क्या कार्रवाई करते हैं।


रिपोर्ट – मनोज शुक्ला 

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Barabanki Express
Author: Barabanki Express

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