UP News:
बहराइच में जंगल से निकले बाघ ने चलती बाइक पर हमला किया। दादी, पोती और बैंककर्मी गंभीर रूप से घायल, वन विभाग ने बढ़ाई गश्त और सतर्कता।

बहराइच, उत्तर प्रदेश।
कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के पास बुधवार सुबह एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जब जंगल से निकले एक बाघ ने चलते वाहन पर हमला कर दिया। इस हमले में एक दादी, पोती और बैंक कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है।
जंगल से निकलकर सड़क पर आ धमका बाघ
जानकारी के अनुसार, बर्दिया गांव निवासी गुलाम हाफ़िज़ बुधवार सुबह करीब 9 बजे अपनी मां सफीकुन (60) और भतीजी खतीजा (10) को इलाज के लिए चफरिया स्थित एक निजी डॉक्टर के पास मोटरसाइकिल से लेकर जा रहे थे।
इसी दौरान बिछिया-गिरिजापुरी मार्ग पर, बिछिया से करीब 500 मीटर की दूरी पर जंगल से अचानक एक बाघ निकल आया और चलते वाहन पर झपट पड़ा।
बाघ ने सबसे पहले सफीकुन और खतीजा पर हमला कर दिया। गुलाम हाफ़िज़ ने तुरंत बाइक रोकी और शोर मचाना शुरू किया। तभी आस-पास के लोग मौके पर पहुंच गए, जिससे बाघ दोनों को छोड़कर वापस जंगल की ओर भाग गया।
तीन लोग हुए गंभीर रूप से घायल
हमले में दादी सफीकुन और पोती खतीजा के सिर और पैरों पर गंभीर चोटें आई हैं। दोनों को तत्काल पीएचसी सुजौली ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर सीएचसी मिहींपुरवा रेफर कर दिया गया।
इसी बीच, घटनास्थल से लगभग 50 मीटर की दूरी पर बिछिया की ओर जा रहे एसबीआई बैंक कर्मचारी रामू (55) पर भी बाघ ने हमला कर दिया। उन्हें 108 एम्बुलेंस की सहायता से रमियाबेहड़ (जनपद लखीमपुर खीरी) स्थित सीएचसी अस्पताल भेजा गया।
एम्बुलेंस देर से पहुंची, परिजन खुद ले गए अस्पताल
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एम्बुलेंस हेल्पलाइन नंबर 108 पर कॉल करने के बावजूद वाहन समय पर नहीं पहुंचा, जिसके कारण परिजन घायल महिला और बच्ची को निजी वाहन से अस्पताल ले जाने को मजबूर हुए। स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर नाराज़गी जताई है।
वन विभाग ने बढ़ाई गश्त, दो हथनियों को लगाया गश्त पर
घटना की जानकारी मिलते ही रेंजर आशीष गौंड अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और इलाके में गश्त शुरू कर दी।
सुरक्षा के मद्देनज़र वन विभाग ने हथिनी जयमाला और चंपाकली को इलाके में पेट्रोलिंग के लिए लगाया है। साथ ही, ग्रामीणों और राहगीरों को सतर्क रहने की अपील की गई है।
बाघ-मानव के बढ़ते संघर्ष पर चिंता
इस घटना ने कतर्नियाघाट वन क्षेत्र में मानव-बाघ संघर्ष की समस्या को एक बार फिर उजागर कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि हाल के दिनों में जंगल से बाघों की आवाजाही बढ़ गई है, जिससे सड़क पर निकलना भी खतरनाक हो गया है।
📝 रिपोर्ट – निरंकार त्रिवेदी
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Author: Barabanki Express
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