Barabanki:
बाराबंकी में वन माफिया सियाराम वर्मा का दबदबा, वन विभाग और पुलिस की मिलीभगत से हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटान जारी। पत्रकारों को धमकियां, कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति।

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
जनपद बाराबंकी में वन विभाग और पुलिस की मिलीभगत से बहुचर्चित वन माफिया सियाराम वर्मा का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। आरोप है कि रामनगर वन रेंज और थाना सफदरगंज क्षेत्र में सियाराम वर्मा और उसके गिरोह द्वारा हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटान खुलेआम की जा रही है, जबकि वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी आंख मूंदे बैठे हैं।
पेड़ों की अवैध कटान का सिलसिला जारी
ग्राम पंचायत सैदनपुर मजरे जमलापुर में हाल ही में माफिया ने नहर किनारे लगे छह आम के पेड़ काटकर गायब कर दिए। मामला उजागर होने पर वन विभाग ने वन संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज तो किया, लेकिन कार्रवाई कागजों तक ही सीमित रही। आरोप है कि इन्हीं माफियाओं ने ग्राम डूंडी में सरकारी यूकेलिप्टस के पेड़ भी काटकर बेच दिए।
बीती 29/30 अगस्त की रात जमलापुर क्षेत्र में एक और विशालकाय आम का पेड़ बगैर परमिट काट दिया गया। वहीं, कुछ दिन पहले करौरा गांव में दो हरे-भरे जामुन के पेड़ और बदोसराय कोतवाली क्षेत्र के रामपुर मरकामऊ मार्ग पर भी एक आम का पेड़ अवैध रूप से काटा गया।
वन विभाग और पुलिस की भूमिका संदिग्ध
स्थानीय लोगों का आरोप है कि वन रक्षक सत्येंद्र कुमार वर्मा और कुछ पुलिसकर्मी माफिया से मिलीभगत कर उन्हें संरक्षण देते हैं। कई बार तो अवैध कटान से पहले ही जुर्माना वसूल लिया जाता है और बाद में मनगढ़ंत रिपोर्ट लगाकर मामले को दबा दिया जाता है।
पत्रकारों ने जब इस अवैध कटान को उजागर करना चाहा, तो माफिया और विभागीय कर्मचारियों द्वारा फोन पर दबाव बनाया गया, अभद्रता की गई और फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी भी दी गई।
सियाराम वर्मा पर कई मुकदमे दर्ज
जानकारी के अनुसार, सियाराम वर्मा पर न केवल बाराबंकी बल्कि उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इसके बावजूद वन विभाग और पुलिस की निष्क्रियता के चलते उसका साम्राज्य लगातार फल-फूल रहा है।
निष्कर्ष
वन विभाग और पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल साफ करते हैं कि संरक्षण के बिना इतना बड़ा अवैध कारोबार संभव नहीं है। यदि समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो सरकार का “हरित प्रदेश, स्वच्छ प्रदेश” का सपना अधूरा रह जाएगा।
रिपोर्ट – मनोज शुक्ला
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Author: Barabanki Express
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