Barabanki News
बाराबंकी जिले के निंदूरा ब्लॉक के खरतला स्कूल में प्रिंसिपल पर अंबेडकर का नारा लगाने पर छात्रों को डांटने और स्कूल से निकालने की धमकी देने का आरोप। अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया। ग्रामीणों ने BSA से कार्रवाई की मांग की।

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
जिले के विकासखंड निंदूरा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां स्वर्ण समाज से ताल्लुक रखने वाली एक प्रिंसिपल पर आरोप है कि उन्हें बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का नारा लगाना नागवार गुजरता है। इतना ही नहीं, दलित छात्रों द्वारा अंबेडकर की जयकार करने पर प्रिंसिपल ने उन पर चिल्लाया, डांटा और स्कूल से बाहर निकाल देने की धमकी तक दे डाली है।
इस घटना ने ग्रामीणों और अभिभावकों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में अभिभावक स्कूल पहुंच गए और प्रधानाध्यापिका के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला।
प्रार्थना सभा में अंबेडकर नारे पर विवाद
मामला ग्राम पंचायत हाजीपुर के खरतला माध्यमिक विद्यालय का है। जानकारी के मुताबिक, प्रतिदिन प्रार्थना सभा में विभिन्न महापुरुषों के नाम लेकर नारे लगाए जाते हैं। शुक्रवार को छात्रों ने जब बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का नारा लगाया, तो स्कूल की प्रिंसिपल निर्मला सिंह भड़क गईं।

आरोप है कि उन्होंने अनुसूचित जाति के दो छात्रों मनीष और निधि को जोर से डांटा और यहां तक कह डाला कि आजादी के अम्बेडकर का क्या योगदान है। वो कितनी बार जेल गए। उन्होंने कथित तौर पर आगे से ऐसा करने पर बच्चो को स्कूल से निकालने तक की धमकी दे डाली।
अभिभावकों का प्रदर्शन, पुलिस ने संभाला मामला
घटना की जानकारी मिलते ही छात्रों के अभिभावक स्कूल पहुंचे। आक्रोशित ग्रामीणों में सूरजभान गौतम, कल्लू गौतम, राजाराम गौतम, कमल किशोर गौतम, छत्रपाल गौतम, सुनील गौतम, विजय गौतम, बद्री प्रसाद गौतम, राजरानी गौतम, नेपाली गौतम, सरिता गौतम सहित दर्जनों लोग शामिल हुए। उन्होंने प्रिंसिपल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की।
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक बेचू सिंह यादव ने अभिभावकों को समझा-बुझाकर शांत कराया और मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई।
बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया गया प्रार्थना पत्र
गांव निवासी शैलेश कुमार ने इस पूरे मामले की शिकायत करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) को प्रार्थना पत्र सौंपा है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि प्रार्थना सभा के दौरान अन्य महापुरुषों के नारे लगाने में कोई आपत्ति नहीं की जाती, लेकिन जब भी बच्चे बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लेकर नारे लगाते हैं, तो प्रिंसिपल उन्हें अपमानित करती हैं, डांटती हैं और स्कूल से निकालने की धमकी देती हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि यह रवैया न केवल संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर का अपमान है बल्कि अनुसूचित जाति के बच्चों के साथ सीधा भेदभाव और अत्याचार भी है।
कार्रवाई की मांग
अभिभावकों और ग्रामीणों ने मांग की है कि मामले की गंभीर जांच कराई जाए और दोषी प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि शिक्षा के मंदिर में इस तरह का भेदभाव बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और संविधान के मूल्यों के खिलाफ है।
रिपोर्ट – ललित राजवंशी
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Author: Barabanki Express
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