
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बुधवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब 600 से अधिक ट्रेनी महिला सिपाहियों ने ट्रेनिंग सेंटर की अव्यवस्थाओं को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। सुबह करीब 8 बजे सैकड़ों महिलाएं रोती-बिलखती कैंपस से बाहर निकल आईं और सिस्टम पर गंभीर सवाल उठाए। इनका आरोप था कि ट्रेनिंग सेंटर में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है और सुरक्षा से संबंधित बड़े समझौते किए जा रहे हैं।
“बाथरूम में कैमरे हैं, वीडियो बन रहे हैं” – महिला सिपाही
प्रदर्शन कर रही एक सिपाही ने रोते हुए कहा,
“बाथरूम की गैलरी में कैमरे लगे हैं। हमारे वीडियो रिकॉर्ड हुए हैं। अब क्या होगा? क्या ये वीडियो वापस मिलेंगे?”
महिला सिपाहियों ने कहा कि ट्रेनिंग सेंटर में केवल 360 महिलाओं के रहने की व्यवस्था है, लेकिन 600 से अधिक को एक साथ रखा गया है। इस भीड़भाड़ और अव्यवस्था ने हालात को और खराब कर दिया है।
अधिकारियों पर दुर्व्यवहार के आरोप
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि उन्हें न तो साफ पानी मिलता है, न अच्छा खाना।
“हमें खुले में नहाना पड़ता है। अगर विरोध करें तो अधिकारी गालियां देते हैं,”
ऐसा बयान कई सिपाहियों ने मीडिया के सामने दिया।
CM योगी की मौजूदगी से प्रशासन में हड़कंप
घटना ऐसे समय हुई जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद गोरखपुर में मौजूद हैं और गुरुवार को उन्हें इसी पीएसी परिसर से जुड़ी ₹252 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास करना है। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक महकमे में अफरा-तफरी मच गई।
सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंचे, PTI सस्पेंड
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एडीजी मुथा अशोक जैन, एसएसपी राजकरण नैयर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने महिला सिपाहियों को समझाया, उन्हें सुरक्षा और कार्रवाई का आश्वासन दिया और प्रदर्शन खत्म कराया।
इस बीच, अभद्र भाषा के इस्तेमाल और दुर्व्यवहार के आरोप में ट्रेनिंग सेंटर के फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर (PTI) को सस्पेंड कर दिया गया।
ADG लॉ एंड ऑर्डर का बयान
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने कहा,
“सुबह कुछ रिक्रूट्स ने बिजली-पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया था। अब स्थिति नियंत्रण में है और प्रदर्शन समाप्त हो चुका है।”
कैमरे के आरोपों की जांच में तथ्य नहीं मिले
आईजी पीएसी प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि
“बाथरूम में कैमरे लगे होने की बात जांच में गलत पाई गई है। गैलरी में निगरानी कैमरे थे, जिन्हें अब हटा दिया गया है। बिजली और पानी की समस्या को भी दूर कर दिया गया है।”
प्रेग्नेंसी टेस्ट को लेकर भी नाराजगी
मामले में एक और बड़ा विवाद तब सामने आया जब ट्रेनिंग से पहले हुए हेल्थ चेकअप में प्रेग्नेंसी जांच का आदेश जारी कर दिया गया।
डीआईजी रोहन पी. ने इसके लिए सीएमओ को पत्र भेजकर मेडिकल टीम बुलाने का निर्देश दिया था।
इस फैसले के बाद महिला सिपाही और भी नाराज हो गईं। हालांकि, बाद में आईजी ट्रेनिंग चंद्र प्रकाश ने हस्तक्षेप कर आदेश को रद्द कर दिया और स्पष्ट किया कि
“अनमैरिड महिला सिपाहियों की प्रेग्नेंसी जांच नहीं होगी। यदि कोई महिला गर्भवती है तो वह शपथपत्र देकर बाद के बैच में शामिल हो सकती है।”
विपक्ष का वार: अखिलेश यादव का बयान
घटना पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा,
“जब मुख्यमंत्री के शहर का ये हाल है, तो बाकी प्रदेश का क्या होगा? ‘नारी वंदना’ भाजपा का सिर्फ जुमला है।”
ट्रेनिंग सेंटर में क्या है स्थिति?
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स्थान: गोरखपुर के बिछिया क्षेत्र स्थित पीएसी कैंपस
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प्रशिक्षण शुरू: 21 जुलाई 2025
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ट्रेनी संख्या: 600+ महिला सिपाही
प्रशिक्षण का उद्देश्य: हाल ही में यूपी पुलिस में चयनित 60,000 सिपाहियों की ट्रेनिंग
महिला सिपाहियों की मुख्य मांगें:
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बाथरूम और गैलरी से सभी कैमरे हटाना
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साफ पानी और उचित भोजन की व्यवस्था
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प्रशिक्षकों द्वारा सम्मानजनक व्यवहार
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प्रेग्नेंसी जांच को अनिवार्य न बनाया जाए
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भीड़भाड़ कम कर रहने की सुविधा सुधारी जाए
निष्कर्ष:
गोरखपुर की इस घटना ने महिला सुरक्षा, ट्रेनिंग सेंटर की मूलभूत सुविधाओं और प्रशासनिक व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को संभाल लिया है, लेकिन यह मामला सिर्फ एक दिन का विरोध नहीं, बल्कि व्यवस्था में सुधार की सख्त ज़रूरत की ओर इशारा करता है।
रिपोर्ट – नौमान माजिद
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Author: Barabanki Express
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