Lucknow: योगी सरकार के राडार पर प्रदेश के 558 सरकारी मदरसे, EOW ने शुरू की फर्ज़ी नियुक्तियों व अवैध फंडिंग समेत कई बिंदुओं पर जांच

 


लखनऊ-यूपी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने यूपी के 558 मदरसों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को जांच के निर्देश दिए है। आयोग के निर्देश पर EOW ने जांच की कमान भी संभाल ली है। ऐसे में प्रदेश के उन मदरसा माफियाओं की मुश्किलें बढ़ना तय हो गयी है जो अब तक विभागीय जाँचों में बचते चले आ रहे हैं। NHRC में दर्ज मुकदमे में शिकायतकर्ता ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और मदरसा बोर्ड के अधिकारियों के विरुद्ध भी संगीन आरोप लगाए हैं।

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दरअसल, बाराबंकी जिले के रहने वाले शिकायतकर्ता तल्हा अंसारी ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमे उन्होंने आरोप लगाया है कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से प्रदेश के 588 मदरसों में 30-30 लाख रुपए लेकर अयोग्य शिक्षकों की नियुक्तियां की गई हैं। इन शिक्षकों के पास जरूरी योग्यता भी नहीं है। इसके अलावा इन मदरसों में बुनियादी सुविधाएं जैसे बिल्डिंग, फर्नीचर, हॉस्टल वगैर भी नहीं हैं, फिर भी सरकार इन्हें फंड दे रही है।

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शिकायतकर्ता ने अनुदानित मदरसों की सोसाइटी की पत्रावलियों का पन्ना फाड़कर दूसरा पन्ना लगाने, फर्ज़ी नियुक्तियों, अवैध फंडिंग, मृत प्रबंधकों के फर्जी हस्ताक्षर बनाने, दूसरे मदरसे और मस्जिद की जमीन पर अनुदान लेकर चल रहे अनुदानित मदरसों के नाम और उनके प्रमाणित साक्ष्य आयोग में दाखिल किये हैं। इसके साथ ही मानकविहीन मदरसों के जीपीएस फोटो मय लोकेशन व दिनांक संलग्न किये हैं।

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मदरसों के प्रचण्ड भ्रष्टाचार से संबंधित लगभग दो दर्जन से ज्यादा मुकदमों के आधार पर NHRC ने यूपी EOW के डायरेक्टर जनरल को सभी प्रकरणों की विस्तृत जाँच के आदेश दिये हैं। साथ ही चार सप्ताह में प्राथमिक ऐक्शन टेकेन रिपोर्ट माँगी है। अंतिम रिपोर्ट के बाद यदि आवश्यक हुआ तो आयोग अपनी जाँच टीम भी भेजेगा। उसके बाद आयोग सरकार को अपनी सिफारिशें भेजेगा।

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शिकायतकर्ता द्वारा प्रमुख रूप से कोविड काल में हुई 308 शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों को जाँच में शामिल करने की मांग की गई है, जिसे विभाग के अधिकारी कई साल से दबा रहे है। इसके अलावा बगैर किसी मान्यता के हाफिज प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की भी जाँच व मदरसों की अवैध फंडिंग उनके खर्च के हिसाब की भी जाँच कराने व मदरसों के प्रबंधकों और उनके रिश्तेदार शिक्षकों की भी जाँच कराने की मांग की गई है। इसके अतिरिक्त 558 राज्यानुदानित मदरसों का अनुदान बंद करने की भी याचिका दाखिल की गई है जिसपर आयोग जल्द सुनवाई करके अपनी सिफारिश यूपी सरकार को भेजेगा।
रिपोर्ट – नौमान माजिद

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Author: Barabanki Express

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