
बाराबंकी-यूपी।
यूपी के बाराबंकी जिले में एक बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां सिस्टम में बैठे निकम्मे अधिकारियों ने एक बुजुर्ग दंपति को जीते-जी मार दिया है। जिसके चलते उन्हें मिलने वाली वृद्धा पेशन बंद हो गयी है। ख़ुद को ज़िन्दा साबित करने के लिए बुजुर्ग दंपति बीते एक साल से अपने ज़िन्दा होने का स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे है लेकिन उनकी सुनवाई नही हो रही है।
साहब हम जिंदा हैं… यह आवाज है बाराबंकी के हरख ब्लाक की गढ़ी राखमऊ पंचायत के मोतीलाल पुरवा गांव में रहने वाले 70 वर्षीय मोहम्मद आसिफ और उनकी 64 वर्षीय पत्नी हसमतुल निशा की। जिन्हे समाज कल्याण विभाग ने सरकारी कागज़ों में मृतक दर्शाकर उनकी वृद्धा पेंशन बंद कर दी है। ख़ुद को ज़िन्दा साबित करने के लिए बुजुर्ग दंपती हाथों में तख्तियां लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे है लेकिन बेहिस सिस्टम है कि उन्हें जीवित मानने को तैयार नही है। जबकि ताज्जुब वाली बात यह है कि सरकार के ही दूसरे विभाग दोनों को जिंदा मानकर राशन समेत अन्य योजनाओं का लाभ भी दे रहे है।

बुजुर्ग दंपति ने अपना दर्द ज़ाहिर करते हुए बताया कि करीब एक साल पहले 15 जून 2024 को समाज कल्याण विभाग ने वृद्धा पेंशन के लाभार्थियों का एक सत्यापन किया था। जांच के दौरान इस कदर लापरवाही बरती गई कि उन्हें जीते-जी मारकर दस्तावेजों में मृतक बना दिया गया। उन्होंने बताया कि शुरू में दो-तीन महीने तक पेंशन नहीं आई तो उन्होंने इसे विभागीय देरी समझा। लेकिन इसके बाद भी पेंशन न मिलने पर दोनों ने विभाग के चक्कर लगाना शुरू किया। काफी दौड़ भाग के बाद उन्हे पता चला कि समाज कल्याण विभाग के दस्तावेजों में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है।
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मोहम्मद आसिफ ने बताया कि इस बात का खुलासा होने के बाद सबसे पहले अपनी पंचायत के सेक्रेटरी के पास गए। वहां समाधान न होने पर प्रधान से जीवित होने का लैटर लिखवा कर विकास भवन भी गए, लेकिन कोई सुनवाई नही हुई।वही हसमतुल निशा ने बताया कि सरकारी अधिकारी द्वारा हमें मृत घोषित करने का कोई कारण भी स्पष्ट नहीं किया गया है। इस मामले को लेकर कई शिकायती पत्र भी दिए गए है। लेकिन किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है। उन्होंने जल्द से जल्द मामले पर कार्रवाई करते हुए पेंशन फिर से बहाल करने की मांग की है।
यहाँ गौरतलब बात यह है कि मोहम्मद आसिफ और हसमतुल निशा सरकार के दूसरे विभागों की नज़र में न सिर्फ ज़िन्दा है बल्कि राशन सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी ले रहे हैं, फिर भी समाज कल्याण विभाग उन्हें जीवित मानने को तैयार नही और उन्हें मृतकों की सूची में दर्ज कर रखा है। हालांकि इस मामले को लेकर जब बाराबंकी की जिला समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रकरण की जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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